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नैनीताल: 26 जुलाई, 2015
16 महीनो से बगैर तनख्वाह के H.M.T. कर्मचारी किसी तरह अपना घर पाल रहे थे। पर अंत मैं फेक्टरी बंद होने की गाज केन्द्र सरकार द्वारा गिरी है. कुमाऊँ/हल्द्वानी के एकमात्र सार्वजनिक उपक्रम की ये हालत श्री मोदी के मेड इन इंडिया की सच्चाई बया करते है. अगर घड़ी नहीं बन सके तो क्या भविष्य के रोजगार पलायन रोकने के लिए बनी बनाई बिल्डिंग मशीन सेटअप आदि का उपयोग करके क्या defence का सामान नहीं बनाया जा सकता ?
32 साल से कोई फेक्टरी तो आ नही पाई उल्टा H.M.T. भी बंद ! 22 करोड़ प्रति वर्ष की तनख्वाह बंद होने से हल्द्वानी मैं बेरोजगारी तो बढेगी ही!!!
तथा इकॉनोमी को भी नुक्सान होगा क्या उत्तराखंड बनाने की यही परिकल्पना थी???
सभी को मिलकर इसका विरोध करना होगा।
नैनीताल: 26 जुलाई, 2015
16 महीनो से बगैर तनख्वाह के H.M.T. कर्मचारी किसी तरह अपना घर पाल रहे थे। पर अंत मैं फेक्टरी बंद होने की गाज केन्द्र सरकार द्वारा गिरी है. कुमाऊँ/हल्द्वानी के एकमात्र सार्वजनिक उपक्रम की ये हालत श्री मोदी के मेड इन इंडिया की सच्चाई बया करते है. अगर घड़ी नहीं बन सके तो क्या भविष्य के रोजगार पलायन रोकने के लिए बनी बनाई बिल्डिंग मशीन सेटअप आदि का उपयोग करके क्या defence का सामान नहीं बनाया जा सकता ?
32 साल से कोई फेक्टरी तो आ नही पाई उल्टा H.M.T. भी बंद ! 22 करोड़ प्रति वर्ष की तनख्वाह बंद होने से हल्द्वानी मैं बेरोजगारी तो बढेगी ही!!!
तथा इकॉनोमी को भी नुक्सान होगा क्या उत्तराखंड बनाने की यही परिकल्पना थी???
सभी को मिलकर इसका विरोध करना होगा।