शनिवार को भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) देहरादून में अंतिम पग भरते ही 347 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए. इसके अलावा 10 मित्र देशों के 80 कैडेट भी आईएमए से कड़ा प्रशिक्षण लेकर अपनी-अपनी सेना का हिस्सा बनेंगे. सैन्य अधिकारी सेना में शामिल होने जा रहे कैडेट्स को सैन्य परंपराओं का निर्वहन कर आगे बढ़ना होगा. अब सेना की प्रतिष्ठा इन युवा अफसरों के कंधों पर है. उन्हें चरित्र, सामर्थ्य, प्रतिबद्धता व संवेदना के सेना के मूल्यों को भी जीवन में आत्मसात करना होगा.
भारतीय उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल देवराज एन्बु ने परेड की सलामी ली. इस मौके पर उन्होंने नव सैन्य अधिकारियों से परम्परागत और गैर परम्परागत चुनौतियों के लिए तैयार रहने का आह्वान किया. आइएमए में इस बार एक नयी परंपरा की नींव रखी गई है. परेड की शुरुआत कुछ बदलाव के बीच हुई. यह पहली बार था जब अकादमी के असिस्टेंट एडजुटेंट मेजर अंगद सिंह व ड्रिल इंस्ट्रक्टर सूबेदार मेजर सुल्तान सिंह शेखावत भी परेड कमांडर के साथ ड्रिल स्क्वायर पर पहुंचे.
उप सेना प्रमुख ने कैडेट्स को ओवरऑल बेस्ट परफारमेंस व अन्य उत्कृष्ट सम्मान से नवाजा. अर्जुन ठाकुर को स्वार्ड ऑफ ऑनर व स्वर्ण पदक प्रदान किये गए. रजत पदक गुरवीर सिंह तलवार को दिया गया. जबकि, हर्ष बंसीवाल ने सिल्वर मेडल (टीजी) हासिल किया. कांस्य पदक गुरवंश सिंह गोसाल को मिला. सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट बिशाल चंद्र वाजी चुने गए. चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर सैंगरो कंपनी को मिला.
Uttarakhand: Visuals from the passing out parade at the Indian Military Academy, Dehradun. 347 cadets will join as officers in the Indian army. pic.twitter.com/TtsizC6yNu
— ANI (@ANI) December 8, 2018
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