उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति सामूहिक अवकाश पर हैं. राज्य के करीब सवा दो लाख कर्मचारी गुरुवार को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे. कर्मचारियों ने आवास भत्ता, एसीपी की पूर्व व्यवस्था को लेकर गुरुवार को सामूहिक अवकाश न लेने की सरकार की अपील ठुकरा दी. गरुवार को आरटीओ दफ्तर में साढ़े दस बजे तक कोई भी अधिकारी कर्मचारी नहीं पहुंचा. परिसर के बाहर लोग परेशान हैं ड्राइविंग लाइसेंस बनाने टैक्स जमा करने रजिस्ट्रेशन करने फिटनेस करवाने सहित अन्य कार्यों के लिए आए लोग बैरंग वापस लौटे.
उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी-शिक्षक समन्वय समिति के संयोजक मंडल को बीते रोज अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने वार्ता के लिए आमंत्रित किया था. इस दौरान उन्होंने मांगों पर उचित कार्यवाही का आश्वासन देकर आंदोलन स्थगित करने को कहा. इस पर समिति ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से वार्ता करने की शर्त रखी. इसके अलावा समिति ने कुछ और सुझाव अपर मुख्य सचिव के सामने रखे. हालांकि, यह प्रारंभिक वार्ता सफल नहीं हो पाई. शाम को कार्मिक विभाग ने समन्वय समिति को वित्त मंत्री प्रकाश पंत की अध्यक्षता में होने वाली बैठक की सूचना भेजते हुए आंदोलन स्थगित करने को पत्र लिखा.
कर्मचारियों के इस तेवर को देखते हुए सभी विभागों ने अपने यहां आंदोलन के लिए अवकाश लेने पर रोक लगा दी है. वहीं, शासन ने इस मामले में सख्ती दिखाते कोषागार को अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों पर नो वर्क नो पे सिद्धांत लागू करने को कहा है. इसके अलावा सचिवालय में कर्मचारियों की उपस्थिति व अनुपस्थिति जांचने के लिए पांच दस्तों का गठन किया है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि कर्मचारियों के साथ वार्ता के दरवाजे खुले हैं. यदि कर्मचारी सामूहिक अवकाश लेते हैं तो नियमानुसार विचार किया जाएगा.
कर्मचारियों ने अपने तेवर बरकरार रखते हुए शासन को स्पष्ट किया कि जनहित को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की आपात सेवाओं, रोडवेज के बस संचालन, विद्युत उत्पादन और वितरण से सीधे जुड़े कार्मिक तथा जल संस्थान के जल आपूर्ति से जुड़े कार्मिकों को सामूहिक अवकाश कार्यक्रम से छूट दी गई है. शेष सभी अधिकारी कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर रहेंगे.
वित्त मंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में वार्ता के बाद आगे के कार्यक्रम पर निर्णय लिया जाएगा. शासन ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए नो वर्क ने पे का आदेश लागू कर दिया है. उधर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुताबिक अधिकारियों को कर्मचारियों के साथ बातचीत करने को कहा गया है. कर्मचारियों के हितों को यदि कहीं प्रभावित किया जा रहा है तो उस पर चर्चा हो सकती है. कर्मचारियों के हड़ताल पर अडिग रहने पर उन्होंने कहा कि जो भी नियम होंगे उनके अनुसार विचार किया जाएगा.
Uttarakhand: State govt employees go on mass holiday across the state demanding timely promotions&allowances among other demands. Secy Secretariat Union says, “There will be a mass rally on 4 Feb. If the government does not accept our demands we may declare a state-wide shutdown” pic.twitter.com/PUerOxvgqq
— ANI (@ANI) January 31, 2019
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