मोदी सरकार ने अपने आखिरी बजट में मिडिल क्लास को बड़ा तोहफा दिया है. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट पेश करते हुए कहा कि अब पांच लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय पर कोई आयकर नहीं चुकाना होगा. टैक्स छूट की सीमा 2.5 से बढ़ाकर 5 लाख हुई. यानी 5 लाख तक सालाना आमदनी पर अब कोई टैक्स नहीं.
पीयूष गोयल ने कहा कि हम करदाताओं का शुक्रिया अदा करते हैं, आपके टैक्स से देश का विकास होता है. गोयल ने आगे कहा टैक्स कलेक्शन 12 लाख करोड़ हुआ. 6.85 करोड़ लोगों ने भरे टैक्स रिटर्न. रिटर्न फाइल करने वालों की तादात बढ़ी. जीएसटी के जरिए 17 अलग-अलग तरीके के टैक्स को कम करके एक जीएसटी बना दिया गया.
वित्त मंत्री ने कहा कि इसके बाद जिन लोगों की कुल आमदनी 6.50 लाख रुपये तक है, उन्हें भी किसी प्रकार के इनकम टैक्स के भुगतान की जरूरत नहीं पड़ेगी यदि वे 80C के तहत सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश कर लें. साथ ही पहले की ही तरह दो लाख रुपये तक के होम लोन के ब्याज, एजुकेशन लोन पर ब्याज, राष्ट्रीय पेंशन योजना ( एनपीएस) में योगदान, मेडिकल इंश्योरेंस, वरिष्ठ नागरिकों की चिकित्सा पर होने वाले खर्च आदि जैसी अतिरिक्त कटौतियों के साथ अधिक वाले व्यक्तियों को भी कोई टैक्स नहीं देना होगा. इससे मध्य वर्ग के करीब 3 करोड़ करदाताओं को करों में 18,500 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा.
पीयूष गोयल ने कहा कि इससे 3करोड़ वेतनभोगियों और पेंशनधारकों को 4 ,700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर लाभ मिलेगा। इतना ही नहीं, बैंक और पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट डिपॉजिट पर 10 हजार की जगह अब 40 हजार रुपये तक का ब्याज टैक्स फ्री हो गया है. उन्होंने कहा कि छोटे करदाताओं को राहत देने के लिए मकान के किराये पर कर कटौती के लिए टीडीएस सीमा को 1 ,80 ,000 रूपये से बढ़ाकर 2 ,40 ,000 रुपये तक करने का प्रस्ताव है.
अपने कब्जे वाले दूसरे मकान के अनुमानित किराये पर लगने वाले इनकम टैक्स में भी छूट का प्रस्ताव किया गया है. वर्तमान में यदि एक व्यक्ति के पास एक से अधिक अपना घर है तो उसे अनुमानित किराये पर इनकम टैक्स का भुगतान करना होता है. गोयल ने कहा कि सरकार ने अपनी नौकरियों , बच्चों की शिक्षाऔर माता -पिता की देखभाल के लिए दो स्थानों पर परिवार रखने के कारण मिडिल क्लास परिवारों को होने वाली कठिनाइयों को देखते हुए इस राहत की घोषणा की.
वित्त मंत्री ने 2 करोड़ रुपये तक के कैपिटल गेन्स वाले टैक्सपेयर्स को भी एक आवासीय घर से दूसरे आवासीय घर में निवेश के लिए आयकर अधिनियम की धारा 54 के अंतर्गत पूंजीगत लाभों में वृद्धि का प्रस्ताव किया है. हालांकि इस लाभ को जीवन में एक बार ही मिल पाएगा. सस्ते आवास उपलब्ध उपलब्ध कराने के लिए इनकम टैक्स की धारा 80 -आईबीए के अंतर्गत लाभों को एक और वर्ष के लिए बढ़ाया जा रहा हैयानी यह 31 मार्च 2020 तक स्वीकृत आवासीय परियोजना पर लागू होगा.
रीयल एस्टेट क्षेत्र पर विशेष ध्यान देते हुए वित्त मंत्री ने बिना बिके हुए घरों/फ्लैटों के अनुमानित किराये पर टैक्स से छूट की अवधि को प्रॉजेक्ट पूरा होने के वर्ष के अंतिम समय के एक वर्ष से बढ़ाकर दो साल तक करने का प्रस्ताव किया है.
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