जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी पर चलाए गए अपने ऑपरेशन को लेकर 19 इन्फैंट्री डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल वीरेंद्र वत्स ने बड़ा खुलासा किया है। खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि सेना ने उरी जैसे हमले की साजिश नाकाम हुई है। कहा कि जब उरी सेक्टर में एलओसी पर आतंकियों की घुसपैठ की गतिविधि का पता चला तो 9 दिनों तक एक ऑपरेशन चलाया गया.

उन्होंने बताया कि जब मुठभेड़ शुरू हुई तब 2 घुसपैठिए सीमा पार आ गए. जबकि बाकी 4 दूसरी तरफ डेरा डाले रहे. मेजर जनरल वीरेंद्र वत्स ने इस साजिश में पाकिस्तान का हाथ बताते हुए कहा कि आतंकियों के इतने बड़े समूह की आवाजाही पाकिस्तानी सेना की सक्रिय भागीदारी के बिना नहीं हो सकती है, निसंदेह इसमें पाकिस्तानी सेनाका हाथ है.

सेना ने किया एक आतंकी ढेर

वीरेंद्र वत्स ने कहा कि 25 सितंबर को उरी में ऑपरेशन के दौरान एक आतंकी को ढेर किया गया है. जबकी दूसरे आतंकी को पकड़ा गया है. हिरासत में लिए गए आतंकवादी ने खुद को पाकिस्तान के पंजाब का निवासी बताया है. उसकी पहचान अली बाबर पात्रा के रूप में हुई है. उसने कबूल किया है कि वह लश्कर का सदस्य है और लश्कर ने मुजफ्फराबाद में उसे ट्रेनिंग दी थी. भारी मात्री में हथियार बरामद हुए हैं। कहा कि यह भी पता चला है कि इन घुसपैठियों की पाकिस्तान की ओर से नियंत्रण रेखा तक आए 3 कुलियों ने मदद की.

वीरेंद्र वत्स ने कहा कि गोलाबारी के बाद 4 आतंकी घने पेड़ों का फायदा उठाकर पाकिस्तान की तरफ चले गए. जबकि 2 आतंकवादी भारतीय सीमा में घुस आए. भारत में घुसपैठ करने वाले 2 आतंकवादियों को घेरने के लिए अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई थी.’ घुसपैठ की तीन कोशिशों को नाकाम करने के बाद से पिछले एक हफ्ते में सेना ने उरी और रामपुर सेक्टरों में कई ऑपरेशन चलाए हैं. इस साल फरवरी में दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम समझौते के बावजूद नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा हाल के दिनों में घुसपैठ के कई प्रयास किए गए

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