रविवार को उत्तराखंड से दुखद खबर सामने आई। बता दें कि उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में एक मां पर दुखों का पहाड़ टूट गया। पिता बच्चों की राह ताकते रहे। दरअसल बागेश्वर के कपकोट में दो सगे भाई सरयू नदी में बह गए। इस घटना से पूरे गांव में सनसनी मच गई। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस और एसडीआरएफ ने सर्च ऑपरेशन चलाया जिसके बाद एक बच्चे का शव बरामद हुआ लेकिन एक अभी भी लापता है। पूरे गांव में शोक की लहर है।
आपको बता दें कि रविवार को भयूं गांव निवासी प्रकाश राम के दो बेटे हैं। एक का नाम है मोहित जिसकी उम्र 10 साल है और दूसरे का नाम सुमित है जिसकी उम्र 6 साल। जानकारी मिली है कि रविवार को दोनों करीब 11 बजे सरयू नदी किनारे जा रहे थे। भालू गाड़ गधेरा पार करते समय उनके पैर फिसल गया और दोनों उफान में बह गए। कुछ दूरी पर ही यह गधेरा सरयू नदी में मिल जाता है। शनिवार की रात भारी बारिश होने के कारण भी गधेरे उफान पर था। आसपास के लोगों की सूचना पर रेगुलर व राजस्व पुलिस, फायर बिग्रेड, एसडीआरएफ व आपदा प्रबंधन की टीम ने रेस्क्यू चलाया।
छोटे बेटे का शव बरामद
थानाध्यक्ष कपकोट मदन लाल ने बताया कि रेस्क्यू के दौरान अपराह्न करीब एक बजे मोहित का शव सरयू नदी किनारे बरामद कर लिया गया। जबकि छोटे भाई सुमित का शाम तक पता नहीं चल सका है। एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू में जुटी हुई है। एक ही परिवार के दो बच्चे नदी में बह गए। घटना के बाद पिता प्रकाश राम और माता आशा देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। दोनेां को ढाढस बंधाने के लिए लोग घर पहुंचने लगे। एक मां ने अपने बेटे को खो दिया और एक लापता है तो एक मां के मन में क्या बीत रही होगी वो मां ही जान सकती है।
बच्चों की मां नहीं थी धर पर
आपको बता दें कि सरयू नदी में बहे सगे दो भाइयों की मां आशा देवी घर पर नहीं थी। वह घास लेने के लिए जंगल गई थी। जबकि उनकी बीमार दादी को लेकर दादा और पिता बागेश्वर गए थे। दादा गंगा राम मूल रूप से किलपारा गांव के निवासी हैं। दादा-दादी की आंखें भी नातियों के आने का इंतजार कर रही हैं, लेकिन मोहित का शव मिलने के बाद उनका भी धैर्य टूट रहा है।
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