भारत-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) के दो अधिकारियों ने नेपाल की मानसलू चोटी पर तिरंगा लहराया है। यह दुनिया की आठवीं सबसे ऊंची चोटी है, जिसकी समुद्र तल से ऊंचाई 8163 मीटर (26781 फीट) है। इन धिकारियों ने ऐसी परिस्थितियों में यह सफलता हासिल की है, जहां ठंड से हड्डियां जवाब देने लगती हैं। खून जम जाता है। जुबान सुन्न पड़ जाती है।

कई चोटियों पर पहुंचने में सफल

फतह हासिल करने वाले दोनों आईटीबीपी के अधिकारियों कमांडेंट रतन सिंह सोनल और डिप्टी कमांडेंट अनूप कुमार ने सात सितंबर को अपना अभियान शुरू किया था। इससे पहले भी ये दोनों अधिकारी हिमालय की कई चोटियों पर पहुंचने में सफल हो चुके हैं।

डेयरडेविल्स का भी नेतृत्व किया था

आईटीबीपी के इन अधिकारियों ने कठिन नंदा देवी पर हुए रेस्क्यू ऑपरेशन डेयरडेविल्स का भी नेतृत्व किया था। जुलाई, 2019 में हुए इस ऑपरेशन में चार विदेशी नागरिकों को रेस्क्यू किया गया था। रेस्क्यू टीम ने 20 हजार फीट की ऊंचाई से सात शव भी रिकवर किए थे।

दर्ज हैं अनोखे रिकॉर्ड

भारत-चीन सीमा की सुरक्षा करने वाले इस दल के नाम पर्वतारोहण में कई रिकॉर्ड दर्ज हैं। पिछले कुछ सालों में इस दल ने मांउट एवरेस्ट समेत 220 से अधिक पर्वतारोहण अभियान पूरे किए हैं। यह अपने आप में ही एक रिकॉर्ड है। इसके लिए पूरे दल को सात पद्मश्री और 14 तेनजिंग नोर्गे अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।

ये था ऑपरेशन डेयर डेविल्स

नंदा देवी अभियान में गए इंग्लैंड, अमेरिका और आस्ट्रेलिया के सात पर्वतारोही और भारतीय लाइजन अफसर 26 मई को एवलांच में आकर लापता हो गए थे। वायु सेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा की गई रैकी में पांच शव नजर आने के बाद प्रशासन और आइटीबीपी ने शवों को निकालने के लिए अभियान चलाया। बल के डीआइजी एपीएस निंबाडिया इस अभियान के रणनीतिकार बने। बल के सर्वश्रेष्ठ 15 पर्वतारोहियों को इस कार्य के लिए चुना गया। इस अभियान को डेयर डेविल्स नाम दिया गया।

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