देश में चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर करने के लिए लगातार नई तकनीकों पर काम किया जा रहा है। एशिया में पहली बार आपात चिकित्सा को लेकर भारत एक नई तकनीक पर काम कर रहा है जिसके जरिए हवा, पानी या फिर सड़क कहीं भी और कभी भी जरूरत पड़ने पर 24 घंटे के अंदर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया हो जाएंगी।
यह एक कंटेनर अस्पताल होगा, जिसमें जांच से लेकर उपचार, आईसीयू से लेकर वेंटिलेटर तक की सेवा उपलब्ध होगी। इसका इस्तेमाल समुद्री तूफान, संक्रामक बीमारी, भूकंप आदि जैसी आपात स्थिति में किया जा सकेगा। कंटेनर को हेलीकॉप्टर, रेल या फिर जहाज के जरिए कहीं भी पहुंचाया जा सकेगा। करीब 36 मीटर लंबे और 32 मीटर चौड़े इस कंटेनर में ब्लड और रेडियो डायग्नोस्टिक सुविधा होगी।
इसमें सामान्य, आईसीयू और वेंटिलेटर बिस्तरों के अलावा आइसोलेशन वार्ड भी बनाया जाएगा। इनके अलावा कंटेनर में ही डॉक्टर और नर्स का केबिन होगा। कंटेनर अस्पताल के बारे में विस्तार से समझाते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने बताया कि कई कंटेनर को एक जगह पर तैयार किया जा रहा है। एक में जांच की सुविधा, कुछ में बिस्तर, कुछ में अन्य उपकरण होंगे।
कुछ कंटेनर ऐसे होंगे जिन्हें मौके पर ले जाकर असेंबल करके अस्पताल बना दिया जाएगा। अभी 100-100 बेड के यह अस्पताल बनाए जा रहे हैं। एक कंटेनर में इतने ज्यादा बेड नहीं आ सकते, इसलिए इन सभी कंटेनर को एक जगह पर तैयार रखा जाएगा। छोटे-बड़े सभी तरह के कंटेनर पर काम किया जा रहा है। छह मीटर के आकार वाले कंटेनर भी हैं जिनमें छोटे-छोटे उपकरणों को रखा जा रहा है। कुछ का आकार 20 फुट तक चौड़ा है।
कंटेनर को इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि यह डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित रहे और मरीज को भी कंटेनर के बाहर दूर से देखा जा सके। कंटेनर अस्पताल की योजना के लिए तकनीक और चिकित्सा दोनों क्षेत्रों की मदद ली गई है। आईआईटी और दिल्ली एम्स के विशेषज्ञों ने मिलकर इस मॉडल पर काम किया है।
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