देहरादून : राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (सिडकुल) घोटाले की जांच सुस्त चल रही है। आलम ये है कि 3 साल से ये जांच जहां की तहां ही है। इससे जांच के लिए गठित एसआइटी की 9 माह से बैठक तक नहीं हो पाई है। अब डीआइजी गढ़वाल परिक्षेत्र करन सिंह नगन्याल ने इसे गंभीरता से लिया और जांच टीम को सख्त निर्देश दिए हैं।।

उन्होंने एसआइटी में शामिल अधिकारियो की बैठक लेकर स्पष्ट निर्देश दिया कि संबंधित विभागों से समन्वय बनाकर एक महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपी जाए।गुरुवार को डीआइजी ने रेंज कार्यालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एसआइजी में शामिल अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने अब तक हुई जांच की समीक्षा करने के साथ अधिकारियों को विभिन्न दिशा-निर्देश दिए। डीआइजी ने जांच में हो रही लेटलतीफी पर नाराजगी जाहिर करते हुए अधिकारियों से इसको लेकर सवाल भी किए।

इस पर बताया गया कि जांच में संबंधित विभागों की ओर से वित्तीय व तकनीकी रिपोर्ट देने में विलंब किया जा रहा है। इस संबंध में विभागों से दोबाचा पत्राचार किया जाएगा। नियम को ताक पर रख दिए ठेके, सरकारी धन का हुआ दुरुपयोग वर्ष 2012 से 2017 के बीच सिडकुल ने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में निर्माण कार्य कराए थे। इसमें नियम को ताक पर रखकर उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) को ठेके दिए गए।

यूपीआरएनएन का आडिट कराए जाने पर सरकारी धन का दुरुपयोग, वेतन निर्धारण व विभिन्न पदों पर भर्ती में गड़बड़ी समेत कई अनियमितता सामने आईं।शासन ने इन गड़बड़ियों का संज्ञान लेते हुए जांच के लिए वर्ष 2018 में आइजी गढ़वाल परिक्षेत्र की अध्यक्षता में एसआइटी गठित की थी। तीन साल में किसी पर कार्रवाई नहीं एसआइटी को अनियमितता बरतने वाले सिडकुल और यूपीआरएनएन के अधिकारियों व कर्मचारियों को चिह्नित कर कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया है, लेकिन जांच शुरू होने के तीन साल बाद भी किसी अधिकारी पर कार्रवाई नहीं हो सकी है। वर्ष 2020 में आइजी गढ़वाल अभिनव कुमार ने जांच में तेजी लाते हुए घपलेबाज अधिकारियों को चिह्नित करना शुरू किया था, लेकिन कुछ समय बाद ही उनका ट्रांसफर हो गया और जांच फिर ठंडे बस्ते में चली गई।

नौ माह से नहीं हुई बैठक जांच की रफ्तार कितनी सुस्त है, इसका पता इस बात से लगाया जा सकता है कि इस घोटाले की जांच के लिए गठित एसआइटी की बीते नौ माह में एक भी बैठक नहीं हुई। जनवरी में तत्कालीन डीआइजी गढ़वाल परिक्षेत्र नीरू गर्ग ने एसआइटी के अधिकारियों की बैठक लेकर जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने के लिए समयसीमा तय की थी, लेकिन अधिकारियों ने रिपोर्ट ही नहीं दी। अब देखना यह है कि वर्तमान डीआइजी के निर्देश पर अधिकारी कितनी गंभीरता दिखाते हैं।जांच में अब तक यह आया सामने है।

अधिकारियों ने निर्माण कार्यो का ठेका उत्तराखंड की स्थानीय संस्थाओं को न देकर मानकों के विपरीत अन्य कार्यदायी संस्थाओं को दे दिया। अधिकारियों ने ब्लैक लिस्ट कंपनियों को ठेका देकर नियमों का उल्लंघन किया। कई अधिकारियों ने तो निर्माण कार्यो के दस्तावेज ही गायब कर दिए। -जिन कंपनियों ने कार्य में देरी की उनसे विलंब शुल्क नहीं लिया गया। कई कार्यो की मेजरमेंट बुक तक गायब कर दी गई।

The post गढ़वाल डीआईजी के निर्देश, 1 महीने में पूरी करें सिडकुल घोटाले की जांच first appeared on Khabar Uttarakhand News.





0 comments:

Post a Comment

See More

 
Top