देहरादून: नेशनल हेल्थ फैमिली की रिपोर्ट एक मायने में खुशी देने वाली है और दूसरे मायनों में देखें को चिंता बढ़ाने वाली है। लिंगानुपात में राज्यभर में भले ही सुधार हुआ हो, लेकिन शहरों में स्थिति अब भी गांवों से खराब है। यहां बेटियों की संख्या में लगातार कमी आ रही है।

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की ताजा रिपोर्ट के अनुसार राज्य के शहरी इलाकों में कुल आबादी में प्रति एक हजार लड़कों पर केवल 943 लड़कियां हैं जबकि ग्रामीण इलाकों में यह संख्या 1052 है। विशेषज्ञ शहर और गांवों के लिंगानुपात में गिरावट की वजह भ्रूण के लिंग परीक्षण को बता रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में बालिका जन्मदर भी 2.1 से घटकर 1.9 पर पहुंच गई है। साथ ही परिवार नियोजन अपनाने वालों की संख्या 70 फीसदी तक पहुंच गई है।

सरकार नवजात बच्चों की मृत्यु दर को कम करने में नाकाम रही है। रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में नवजात मृत्यु दर 27.9 से बढ़कर 32.4 तक पहुंच गई है। अस्पतालों में एनआईसीयू की भारी कमी इसकी बड़ी वजह है। पर बाल मृत्यु दर में मामूली कमी दर्ज हुई है। वर्तमान में प्रदेश में बाल मृत्यु दर 39.1 है।

पहाड़ों से अब भी गंभीर केस बड़े पैमाने पर रेफर हो रहे हैं। बाल मृत्यु दर बढ़ने की यह बड़ी वजह है। एनीमिया दूर करने के लिए सिर्फ गोलियां बांटी जाती है। गर्भवती महिलाओं को इसकी आज तक प्रशिक्षण नहीं दिया गया, जबकि यह एक कारगर कदम हो सकता है।

The post उत्तराखंड : ये रिपोर्ट आपको चौंका देगी, शहरों में कम हो रही बेटियां first appeared on Khabar Uttarakhand News.





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