देहरादून: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्तराखण्ड चुनावी दौरे से पहले देवस्थानम बोर्ड पर धामी सरकार कोई बड़ा फैसला ले सकती है। माना जा रहा है कि सरकार ने इसके लिए 30 नवंबर की तारीख तस कर रखी है। सूत्रों के अनुसार इस पर सरकार ने अपना मन बना लिया है। सरकार को देवस्थानम बोर्ड के लिए बनी कमेटी और सब कमेटी अपनी रिपोर्ट सीएम धामी को सौंप चुकी है।
चुनाव के ऐन मौके पर देवस्थानम बोर्ड पर तीर्थ पुरोहितों के विरोध ने कहीं ना कहीं बीजेपी सरकार को परेशान कर दिया है। हालांकि मुख्यमंत्री धामी इस मसले को लेकर गंभीर हैं और जल्द ही देवस्थानम बोर्ड पर तस्वीर साफ होने का दावा कर रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि कल इस पर फैसला ले लिया जाएगा।
लम्बे समय से आन्दोलनरत चारों धामों के तीर्थपुरोहितों का मानना है कि बोर्ड का गठन कर उनके अधिकारों का हनन हो रहा है। तीर्थ पुरोहित हाल ही में विरोध जताकर सरकार को ये संदेश दे चुके हैं कि अगर सरकार इसे वापस नहीं लेती तो बीजेपी का वंश तक खत्म हो जाएगा। भाजपा भी नहीं चाहेगी कि उनके इस फैसले से किसी तरह का सियासी नुकसान हो।
2019 में बीजेपी सरकार में ही देवस्थानम बोर्ड का लिया गया फैसला पार्टी के लिए गले की फांस बन चुका है। ऐसे में भाजपा की स्थिति ना उगलने वाली और ना ही निगलने वाली रह गई है। ऐसे में तीर्थ पुरोहित समेत सूबे की जनता की निगाहें धामी सरकार के फैसले पर टिकी हैं।
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