देहरादून: राज्य में नौकरी के नाम पर ठगी के कई मामले सामने आ चुके हैं। पिछले दिनों कई लोग ठगी के मामलों में पकड़े भी जा चुके हैं। अब एक और मामला सामने आया है। इस मामले में ठगी करने वाले ने खुद को मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात बताया और युवती को झांसे में ले लिया। युवती को उसने सामुदायिक चिकित्सा अधिकारी बनाने का झांसा दिया था।
युवती ने मामले की शिकायत पटेलनगर कोतवाली में की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद उसने डीजीपी अशोक कुमार से शिकायत की। डीजीपी के निर्देश पर मुकदमा दर्ज किया गया है। बंजारावाला निवासी सपना राठौर ने प्रदीप उनियाल नाम के व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। उसने नर्सिंग विषय में स्नातक किया हुआ है।
उसकी मुलाकात प्रदीप उनियाल से उसके जीजा के माध्यम से वर्ष 2020 में हुई थी। प्रदीप उनियाल ने बताया था कि वह मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात है। इस वक्त राजकीय चिकित्सा विभाग में सामुदायिक चिकित्सा अफसर के पद पर तैनाती हो रही हैं। वो उसे नौकरी दिला सकता है। उसकी बातों पर विश्वास करके सपना राठौर और उसके परिजन तैयार हो गए।
सपना उस वक्त एक निजी अस्पताल में काम कर रहीं थीं। प्रदीप उनियाल ने कहा था कि सामुदायिक चिकित्सा अधिकारी के पद पर उसे 40 हजार रुपये प्रतिमाह और अन्य सुविधाएं मिलेंगी। नौकरी लगवाने के लिए उसने अलग-अलग दिनों में साढ़े तीन लाख रुपये अपने खाते में जमा करा लिए। इसमें कुछ पैसे बैंक में जमा कराए गए। जबकि कुछ गूगल पे के माध्यम से दिए गए। बावजूद इसके उसकी कोई नौकरी नहीं लगवाई गई।
सपना राठौर का कहना है कि प्रदीप उनियाल की शिकायत उसने सीएम हेल्पलाइन पर भी की थी। इस पर पटेलनगर पुलिस ने उसे बुलाया और प्रदीप के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। आरोप है कि प्रदीप उनियाल को उल्टे पुलिस ने संरक्षण दिया। सपना पर दबाव भी डाला गया कि वह अपनी शिकायत वापस ले। लेकिन, उसने इनकार कर दिया। सपना ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है।
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