रुड़की: कोरोना काल की दूसरी लहर के बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने कोई सबक नहीं लिया है। स्वास्थ्य विभाग को इस बात की भी चिंता नहीं है कि केरल में नोरोवायरस की दस्तक ने एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा दिया है। कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी के बाद अस्पतालों की हालत सुधारने का जिम्मा लेने वाला विभाग लापरवाही बरत रहा है।
मंगलौर क्षेत्र में एक लाख से अधिक की आबादी सरकारी अस्पताल पर निर्भर है। लेकिन, अस्पताल अब भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। सरकार की घोषणा के बाद इन अस्पतालों में लाखांे रुपये कीमत के उपकरण धूल फांक रहे हैं। अस्पताल में 20 बेड और वेंटिलेटर मशीनें महीनों से अस्पताल में पड़ी हुई हैं। लेकिन, इन मशीन को ऑपरेट करने वाले टेक्निकल की कोई तैनाती नहीं की गई है।
जबकि सैकड़ों की संख्या में मरीज अस्पताल में अपना उपचार कराने आते है। सुविधाओं के अभाव में ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अस्पताल प्रबंधक ने कई बार विभाग को अवगत करा दिया है लेकिन जिम्मेदार विभाग आंखे मूंद कर बैठा हुआ है। कोरोना की दूसरी लहर में लोगो की ऑक्सीजन की कमी से मौतें हुई थी।
समस्याओं से निपटने के लिए सरकार ने अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने की मुहिम चलाई थी। यहां वो भी इन धूल फांक रहे हैं। कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने बताया कि निधि द्वारा इन अस्पतालों में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और कई इमरजेंसी उपकरण की व्यवस्था की गई थी। ताकि लोगांे को बेहतर उपचार मिल सके। लेकिन, विभाग की लापरवाही के कारण लाखांे रुपये कीमत की मशीनें अस्पताल में पड़ी हुई हैं, जो बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
The post उत्तराखंड: अस्पताल में पेटियों में दम तोड़ रहे हैं वेंटिलेटर, आखिर कौन है जिम्मेदार? first appeared on Khabar Uttarakhand News.
0 comments:
Post a Comment