देहरादून। देश ने और उत्तराखंड ने जांबाज सीडीएस बिपिन रावत को खो दिया। विमान हादसे में बिपिन रावत शहीद हो गए। देश के लोग इस गम को भुला नहीं पा रहे हैं। लेकिन बता दें कि हर कोई अपने अपने तरीके से सीडीएस बिपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। बीते दिन देहरादून आईएमए में पीओपी थी जिसमे 319 जांबाजों ने वर्दी पहनी । इनमे से एक युवा अफसर ऐसा भी है जो की बिपिन रावत की राह पर चल पड़ा है।
जी हां बता दें कि नैनीताल के गौरव जोशी अंतिम पग भर भारतीय सेना की मुख्यधारा में बतौर सैन्य अफसर शामिल हो गए। सीडीएस बिपिन रावत के कामों से वो इस तरह प्रभावित हुए कि उन्होंने फाइव स्टार होटल की नौकरी छोड़कर सेना की वर्दी को चुना। आपको बता दें कि रामनगर निवासी गौरव कुमार जोशी शनिवार को आइएमए से पास आउट हुए। उनके पिता सेना में अफसर रहे, लेकिन गौरव को होटल मैनेजमेंट के क्षेत्र में नाम बनाना था।
गोरव के पिता रिटायर्ड सूबेदार मेजर सतीश चंद्र जोशी ने बताया कि बेटे की पढ़ाई आर्मी पब्लिक स्कूल, चंडीगढ़ से हुई। उच्च शिक्षा के लिए गौरव ने बंगलूरु जाने का फैसला लिया। गौरव होटल लाइन में ही नौकरी करके मुकाम हासिल करना चाहते थे लेकिन बिपिन रावत से वो प्रभावित हुए और उन्होंने सेना में जाने का मन बनाया।
विदेश में नौकरी का प्रस्ताव ठुकरा कर उन्होंने खुद को सेना के लिए तैयार किया और सीडीएस की परीक्षा उत्तीर्ण कर भारतीय सैन्य अकादमी में चुने गए। उनकी मेहनत और लगन से प्रशिक्षक भी प्रभावित हुए। गौरव जोशी की मां गीता देवी और बहन रितु जोशी शर्मा को भी गौरव पर नाज हैं। गौरव का कहना है कि आखिरकार उन्हें जिंदगी का मकसद मिल गया।
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