उत्तरकाशी: उत्तरकाशी जिले में यमुनात्री विधानसभा सीट का मिजाज भी कुछ-कुछ राज्य के उस मिथक जैसा ही है कि यहां कोई दोबारा सत्ता में नहीं आता है। यहां के वोटर हर बार विधायक को सत्ता से उतार देती है। अब तक लगभग यही नतीजा रहा है। 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के केदार सिंह यहां से विधायक चुने गए। कभी केदार सिंह कांग्रेस का चेहरा हुआ करते थे।

यमुनोत्री विधानसभा सीट ऐसी सीट है, जहां से अबतक सबसे ज्यादा संख्या में दावेदार अपनी दावेदारी पेश करते नजर आ रहे हैं। हालांकि सियासी गलियारों में इस बात की भी चर्चाएं है कि कभी निर्दलीय विधायक रहे प्रीतम सिंह पंवार, जो इस वक्त बीजेपी में हैं। प्रीतम भी इस विधानसभा से ताल ठोक सकते हैं। हालांकि यह अभी केवल चर्चाएं हैं। प्रीतम सिंह पंवार यमुनोत्री से विधायक भी रह चुके हैं।

भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान का भी इस लिस्ट में नाम शामिल हैं, लेकिन उन्होंने अभी अपनी दावेदारी को खुलकर पेश नहीं किया है। इन दावेदारों की लिस्ट में जो दमदार दावेदार के तौर पर उभर कर सामने आ रहे हैं, वो हैं पूर्व ब्लॉक प्रमुख जगवीर भंडारी। जगवीर का यमुनोत्री विधानसभा सीट पर बड़ा जनाधार है।

कांग्रेस की बात करें तो 2017 में इस सीट से संजय डोभाल बीजेपी के केदार सिंह रावत से हार गए थे। कांग्रेस के पास इस सीट पर संजय डोभाल ही दावेदार हैं। किसी और ने खुलकर दावेदारी पेश नहीं की है। हालांकि, संजय डोभाल भी लगातार क्षेत्र में सक्रिय बने हुए हैं। लेकिन, कांग्रेस को यहां पक्केतौर पर जिताऊ प्रत्याशी की तलाश है।

इन सबसे अलग अगर निर्दलीय दावेदारों की बात करें, तो उनमें दीपक बिज्लवाण का नाम तेजी से उभरा है। मौजूदा वक्त में दीपक ज़िला पंचायत अध्यक्ष हैं और युवाओं के बीच बिज्लवाण की मज़बूत पकड़ है। सियासी समीकरणों को बारीकी से देखा जाए तो यमुनोत्री विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आ रहे हैं।

यह भी समीकरण बन रहा है कि दीपक बिज्लवाण किसी राजनीतिक दल का दामन थाम लें। उनके इस कदम से यमुनोत्री का समीकरण ओर बदला-बदला नजर आएगा। माना जा रहा है कि जल्द ही वो किसी पार्टी का दामन थाम सकते हैं।

The post उत्तराखंड : बदले-बदले नजर आ रहे यमुनोत्री के समीकरण, कौन मारेगा बाजी, पढ़ें ये रिपोर्ट first appeared on Khabar Uttarakhand News.





0 comments:

Post a Comment

See More

 
Top