देहरादून : राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) से प्रांतीय पुलिस सेवा के 18 प्रशिक्षु उपाधीक्षकों ने शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान राज्यपाल ने प्रशिक्षु अधिकारियों की परीक्षा ली। राज्यपाल ने सभी प्रशिक्षु अधिकारियों से कई सवाल किए।
राज्यपाल के प्रशिक्षु अधिकारियों से सवाल
आने वाले पांच वर्षों में पुलिस के समक्ष कौन सी चुनौतियां हैं।
21 वर्षों में उत्तराखंड पुलिस के कौन से तीन बड़े हीरो रहे, जिन्हें नए अधिकारियों का आदर्श माना जाना चाहिए।
आने वाले समय में पुलिसिंग को किस प्रकार के बदलाव की जरूरत है।
वे कौन से तीन कार्य हैं, जिन्हें पुलिस अधिकारियों व जवानों को नहीं करना चाहिए।
क्या आप नरेन्द्र नगर पुलिस पुलिस प्रशिक्षण कालेज में मिली ट्रेनिंग से संतुष्ट हैं।
पुलिस प्रशिक्षण में कौन सी तीन बातें बदलनी चाहिए।
साइबर क्राइम संबंधी प्रशिक्षण कैसा रहा।
महिला अधिकारियों के सामने क्या चुनौतियां है।
इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि पुलिस की वर्दी का डर सिर्फ अपराधियों में होना चाहिए, आमजन में पुलिस को देखकर सुरक्षा की भावना पैदा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस सेवा चुनौतीपूर्ण है। अधिकारियों को प्रभावशाली के स्थान पर गरीब व्यक्तियों की सहायता करनी है। साथ ही अपने कत्र्तव्य व दायित्व के प्रति अडिग रहना है। उन्होंने कहा कि आज प्रोएक्टिव और इंटलेक्चुअल पुलिसिंग की जरूरत है। अपराध होने से रोकना और जनता को शिक्षित व जागरूक करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी स्वयं को चुनौती दें और उत्कृष्ट कार्य करने का प्रयास करें।
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