हरिद्वार : धर्म संसद में संतों के विवादित बयानों का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ कि पिरान कलियर दरगाह जाने को लेकर धर्म संसद वाले संत योग गुरु स्वामी रामदेव के पीछे पड़ गए हैं। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद और शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने बाबा रामदेव को सनातन विरोधी करार देते हुए माफी मांगने की मांग की है। वहीं, अन्य संतों के निशाने पर आने से पहले ही रामदेव ने ट्वीट कर अपनी सफाई दी। उनका कहना है कि वो जन्म से ही पाखंड विरोधी हैं। कुछ हिंदू विरोधी उनके खिलाफ साजिश रच रहे हैं।
स्वामी रामदेव पिछले दिनों दिल्ली से लौटते वक्त पिरान कलियर पहुंचे थे। इसे जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद ने हिंदू धर्म की आस्था के साथ खिलवाड़ बताया। उन्होंने कहा कि वह स्वामी रामदेव को आर्य समाजी मानते थे। अब उनकी नजर में रामदेव की छवि धूमिल हुई है। उन्होंने सनातन धर्म के साथ गद्दारी की है।
शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि मैं समझ नहीं पाता हूं कि रामदेव हैं क्या। वह स्वामी दयानंद जी के फॉलोअर हैं। पिरान कलियर जाने पर रामदेव को संत समाज से माफी मांगनी चाहिए। हालांकि, हरिद्वार के अखाड़ों के संतों ने खुलकर अभी तक स्वामी रामदेव के पिरान कलियर जाने पर कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन चर्चा जरूर है।वहीं, अन्य संतों के निशाने पर आने से पहले ही रामदेव ने ट्वीट कर अपनी सफाई दी। उनका कहना है कि वो जन्म से ही पाखंड विरोधी हैं। कुछ हिंदू विरोधी उनके खिलाफ साजिश रच रहे हैं।
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