नैनीताल: पर्यटन और तालोें की नगरी नैनीताल में सर्दी के मौसम में चुनावी गर्मी का एहसास हो रहा है। इस विधानसभा सीट पर दबदल के बाद चुनावी तापमान भी कुछ ज्यादा ही बढ़ा हुआ है। मुख्य मुकाबला पहले भाजपा की सरिता आर्य, जो टिकट मिलने के ठीक पहले भाजपा में शामिल हुई थी और भाजपा से कांग्रेस में लौटे संजीव आर्य के बीच माना जा रहा था।
लेकिन, पहले कांग्रेस से भाजपा और फिर भजपा से आम आदमी पार्टी में शामिल हुए हेम आर्य ने मुकाबले को रोचक बना दिया है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होता नजर आ रहा है। बसपा और उक्रांद ने भी यहां प्रत्याशी खड़े किए हैं। कांग्रेस ने हाल ही में भाजपा छोड़कर आए पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के पुत्र और पिछले चुनाव में भाजपा से विधायक चुने गए संजीव आर्य को प्रत्याशी बनाया है।
संजीव का यह लगातार दूसरा चुनाव है, जबकि भाजपा ने कांग्रेस छोड़कर कमल थामने वाली और पूर्व में विधायक रह चुकीं सरिता आर्या पर दांव खेला है। दूसरी ओर लंबे समय तक कांग्रेस और उसके बाद भाजपा में रहे हेम आर्या ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र खरीदा था लेकिन नामांकन के आखिरी दिन उन्हें आम आदमी पार्टी ने शामिल करके उम्मीदवार घोषित कर दिया।
चंद घंटे के भीतर ही पूर्व घोषित प्रत्याशी डॉ. भुवन चंद्र आर्या का टिकट कट गया। उक्रांद ने ओम प्रकाश और बसपा ने राजकमल सोनकर को मैदान में उतारा है। सरिता आर्य ने वर्ष 2012 में कांग्रेस के टिकट पर भाजपा प्रत्याशी हेम आर्य को हराया था, जबकि 2017 में भाजपा प्रत्याशी संजीव आर्य ने कांग्रेस की सरिता आर्य को लगभग सात हजार वोटों से पटकनी दी थी।
ये रहे विधायक
-वर्ष 2002 में उक्रांद के डॉ. नारायण सिंह जंतवाल।
– वर्ष 2007 में भाजपा के खड़क सिंह बोहरा।
– वर्ष 2012 में कांग्रेस की सरिता आर्या।
– वर्ष 2017 में भाजपा के संजीव आर्य।
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