उत्तराखंड में चिकित्सा सेवाओं में एक बड़ी पहल हुई है। उत्तराखंड में पहली बार चिकित्सा सेवा में ड्रोन का इस्तमाल किया गया है। ये प्रयोग पूरी तरह सफल भी रहा है। इसी के साथ उत्तराखंड स्वास्थ सेवाओं में ड्रोन डिलीवरी करने वाला पहला राज्य बन गया है।
दरअसल अमेरिका की कंपनी रेडक्लिप लाइफटेक की यूनिट रेडक्लिप लैब्स ने उत्तराखंड के उत्तरकाशी से ड्रोन के जरिए टेस्ट सैंपल्स को देहरादून पहुंचाया है। सोमवार को उत्तरकाशी में टेस्ट सैंपल्स लिए गए। इन सैंपल्स को तापमान नियंत्रित बक्सों में रखा गया। पांच किलो के करीब का पेलोड लेकर ड्रोन ने ज्ञानसू से उड़ान भरी और लगभग 88 मिनट में देहरादून के जीएमएस रोड स्थित विवेक विहार में रेड क्लिफ लैब के दफ्तर में लैंड करा दिया।
देहरादून से उत्तरकाशी की सड़क मार्ग से दूरी लगभग 140 किलोमीटर के आसपास और कंपनी के मुताबिक ये दूरी तय करने में 6-7 घंटे का समय लग सकता है। हालांकि हवाई मार्ग की दूरी साठ किलोमीटर की है और इसे तय करना अधिक आसान है।
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उत्तराखंड में रेडक्लिफ लैब की ये पहल राज्य की चिकित्सा सेवाओं में बहुत बड़ा बदलाव ला सकती है। दूरस्थ इलाकों में चिकित्सा सेवाओं की पहुंच न सिर्फ आसान हो सकती है बल्कि समय और मानव श्रम की बचत भी संभव है।
कंपनी के मुताबिक भारतीय डायग्नोस्टिक इंडस्ट्री में पहली कमर्शियल ड्रोन उड़ान का नेतृत्व करने के बाद, 19 मई को उत्तरकाशी से देहरादून के लिए सुदूर पहाड़ियों में अपना पहला कमर्शियल ड्रोन कॉरिडोर खोला।
हाल ही में समाप्त हुई ये परियोजना रेडक्लिफ और स्काई एयर की सहभागिता का एक हिस्सा थी। पिछले 3 महीनों में उन्होंने उत्तर भारत में संयुक्त तौर पर 40 सफल परीक्षण किए हैं।
रेडक्लिफ लैब्स के संस्थापक, धीरज जैन बताते हैं कि, उत्तरकाशी की सुदूर पहाड़ियों में पहला कमर्शियल ड्रोन कॉरिडोर खोलने का हमारा एजेंडा पूरी तरह से “फ्लाइंग विद पर्पज यानि उद्देश्य के साथ उड़ान“ की अवधारणा पर आधारित है। उत्तरकाशी उत्तराखंड के सबसे दूरस्थ लेकिन बहुत ही महत्वपूर्ण शहरों में से एक है।
इसके अलावा, यह डीएक्स सैम्पल एकत्र करने के लिए सबसे कठिन टी5 टाउन कनेक्टिविटी में से एक है। रेडक्लिफ लैब्स ने स्थानीय क्लीनिकों से नमूने एकत्र किए, जिन्होंने अब तक डीएक्स नमूने एकत्र करने के लिए संघर्ष किया है। नतीजतन, रिपोर्ट प्राप्त करने में सप्ताह भर का समय लगता है। नया कमर्शियल कॉरिडोर खुलने के साथ ही टर्नअराउंड टाइम (टीएटी) को घटाकर 24 घंटे कर दिया गया है।”
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