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वातावरण को पॉलिथीन प्रदूषण से रोकने व  उत्तराखंड के सुदूरवर्ती गांव की महिलाओं के सशक्तिकरण के संबंध में बढ़ते महत्वपूर्ण कदमों की अग्रिम श्रृंखला में भारत सरकार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के इक्विटी एम्पावरमेंट एंड डेवलपमेंट (SEED) डिवीजन की परियोजना के द्वारा उत्तराखंड के नैनीताल, अल्मोड़ा जिले के दूरवर्ती गांव जैसे हवालबाग, धारी, खुट धामस, खत्यारी आदि में रहने वाली महिलाओं के लिए  जागरूकता \प्रायोगिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन परियोजना संचालक, पोस्टडॉक्टरल वूमेन साइंटिस्ट (यूजीसी) व सचिव उन्नति महिला उद्यमिता एवं प्रशिक्षण समिति देहरादून, डॉ भावना गोयल ने अमरेश सिरोही, साइंटिस्ट कृषि विज्ञान केंद्र मटेला (केवीके), अल्मोड़ा के सहयोग व कुशल मार्गदर्शन के अंतर्गत किया। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना व प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग करके पॉलीथिन के प्रयोग से होने वाले वातावरण के प्रदूषण को रोकना, स्थानीय उत्पादों और संसाधनों को प्रयोग करके महिलाओं उन्हीं की जगह पर रहकर रोजगार प्रदान करना है।

इन महिलाओं में उन्हीं के गांव में आसपास उगने वाली बिच्छू  घास  से निकलने वाले रेशे और उन से बनने वाले ऐसे विभिन्न बायोडिग्रेडेबल मूल्य वर्धित उत्पाद  जोकि पॉलिथीन की जगह पर प्रयोग में लाए जा सकें, को बनाने के बारे में जागरूकता प्रदान की गई ब प्रायोगिक प्रदर्शन किया गया। जिसे सीखने में महिलाओं ने बहुत रुचि दिखाई।

उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम हमारे गांव में चलाए जाने बहुत आवश्यक है क्योंकि हम महिलाएं अपने घर को छोड़कर और जिम्मेदारियों को निभाते हुए यह इस तरह के आजीविका के साधनों को अपनाने में बहुत ही ज्यादा उत्साहित हैं। इस कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने सफाई के साथ रहने और समाज में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए भी प्रेरित किया गया।जागरूकता कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को कोरोनावायरस से बचने हेतु मास्क लगाने और कार्य करते समय आपस में निश्चित दूरी बनाने व टीकाकरण के संबंध में भी जानकारी दी गई।

महिलाओं ने अपने गांव में रोजगारओ के साधनों के अभाव में अपने घर के पुरुषों और अपने बच्चों को गांव  छोड़कर शहरों की तरह पलायन करने में बहुत ज्यादा चिंता दिखाई दी गई। महिलाएं यह चाहती हैं कि उनके गांव का भी विकास हो और उनके गांव देश के और समाज के विकास में अपना बेहतर योगदान दे सकें इसके लिए उन्होंने कहा कि अगर हमारे गांव में लगातार ऐसे प्रोग्राम चलाए जाएं तो निश्चित रूप से यह पलायन बहुत अच्छे से रोका जा सकता है सभी महिलाओं ने इस कार्यक्रम में बहुत ही जागरूकता,उत्साह  रुचि के साथ हिस्सा लिया और उन्होंने भविष्य में इस परियोजना में दिल लगाकर काम करने के लिए आश्वासन दिया।

The post महिलाओं को सशक्त और पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने की पहल first appeared on Khabar Uttarakhand News.





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