हिमांशु चौहान। देवभूमि उत्तराखंड में महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि हर साल महिलाओं पर अपराधों की संख्या में इजाफा हो रहा है। बलात्कार से लेकर छेड़खानी और घरेलू हिंसा के मामले उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहे हैं, पिछले तीन साल में लगातार मामले बढ़ रहें हैं। वही डायल 112 में भी प्रतिदिन 100 से अधिक महिलाओं से संबंधित शिकायतें आ रही हैं। साथ ही सोशल मीडिया के जरिए भी महिलाओं से संबंधित लगातार अपराध बढ़ते नजर आ रहे हैं।
उत्तराखंड पुलिस के आंकड़े ही इस बात की तस्दीक कर रहे हैं और बताते हैं कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की दर लगातार बढ़ रही है। हालंकि, सरकार और पुलिस महकमा दावे जरूर कर रहा है, लेकिन आंकड़ों के पीछे जो भयानक मंजर है, वो तो जस का तस है।
प्रदेश में साल दर साल अपराध के आंकड़े-
2019– रेप के 546, जबकि 62 हत्या के मामले, दहेज हत्या के 54, बहला फुसला कर ले जाना के 298, ऑनलाइन सेक्सुअल हैरसमेंट के 39, महिला से सम्बंधित अन्य मुकदमे 628, 498ए के 640 और रेप के प्रयास के 504
2020– रेप के 570, जबकि 33 हत्या के मामले,दहेज हत्या के 63, बहला फुसला कर ले जाना के 237,ऑनलाइन सेक्सुअल हैरसमेंट के 69,महिला से सम्बंधित अन्य मुकदमे 687,498ए के 668 और रेप का प्रयास के 500
2021– रेप के 741, जबकि 52 हत्या के मामले, दहेज हत्या के 70, बहला फुसला कर ले जाना के 370, ऑनलाइन सेक्सुअल हैरसमेंट के 71, महिला से सम्बंधित अन्य मुकदमे 900, 498ए के 910 और रेप का प्रयास के 707
112 के हेड मुकेश ठाकुर की माने तो डायल 112 में अधिकतर कॉल महिलाओं से सम्बंधित हैं। प्रतिदिन की बात करें तो 100 से अधिक महिलाओं से सम्बंधित कॉल आती हैं, जिन्हें यहां से जनपदों के थानों में ट्रांसफर कर दिया जाता है। उसके हमारे द्वारा घटना के सम्बंध में पीड़िता से अपडेट भी लिया जाता है।
अगर साल 2019 में सभी महिला अपराधों को जोड़ें तो यह आंकड़ा 2814 उसके बाद साल 2020 में 2810 और साल 2021 में यह आंकड़ा 3836 तक पहुंच गया है, जो देवभूमि में बढ़ते महिला अपराध को दर्शाता है।
इनमें से ज्यादातर आपराधिक वारदातें देहरादून, हरिद्वार से हैं। राजधानी देहरादून के हालात तो इस कदर हो चले हैं कि यहां अपराधियों और मनचलों को पुलिस का कोई खौफ नहीं दिखता है।
2021 सितंबर में सीएम ने महिला से संबंधित गौरा नन्दा ऐप शुरू किया गया था, जिसमें महिलाओं के साथ हो रहे उत्पीड़न के बारे में सूचना दे सकते थे लेकिन सितंबर से शुरू हुए इस ऐप में अब तक सिर्फ 134 शिकायत ही आईं हैं।
‘सोशल मीडिया भी है अपराध का कारण’
प्रदेश में अपराध और कानून व्यवस्था संभाल रहे डीजी अशोक कुमार खुद स्वीकारते हैं कि प्रदेश में रेप की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है, इसका सबसे बड़ा कारण सोशल मीडिया है जहां पर पहले दोस्ती, प्यार और फिर रेप की घटनाएं सामने आती हैं।
डीजीपी का कहना है कि महिला अपराध कागजों में अधिक बढ़ रहा है क्योंकि अब महिलाएं सामने आ रही है पहले महिलाएं सामने नहीं आती थी। साथ ही जब से सोशल मीडिया का आगमन हुआ है उसके बाद सोशल मीडिया पर रिलेशन भी अधिक हो गए हैं और जो सोशल मीडिया पर रिलेशन हो रहे हैं उसमें भी क्राइम हो रहा है सोशल मीडिया से भी एक क्राइम बढ़ा है।
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