gunjan dangwal

 

उत्तराखंड के संगीत जगत के लिए एक बेहद दुखद खबर है। उत्तराखंडी म्यूजिक इंडस्ट्री को नए जमाने की रिद्म देने वाले युवा संगीतकार गुंजन डंगवाल अब हमारे बीच नहीं रहे। उनका एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया है। गुंजन महज 26 साल के थे।

बताया जा रहा है कि गुंजन अपनी स्वीफ्ट कार से देहरादून के बंजारावाला स्थित टिहरी विस्थापित कॉलोनी से चंडीगढ़ में अपने दोस्त से मिलने जा रहे थे। वहां वो एक अपने आने वाले म्यूजिक एल्बम की तैयारी के संबंध में जा रहे थे। करीबी सूत्रों की माने तो गुंजन देर रात देहरादून से कार के जरिए चंडीगढ़ के लिए निकले थे। गाड़ी में वो अकेले ही थे।

बताजा जा रहा है कि उनकी कार पंचकुला के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। उनको चंड़ीगढ़ में जिस दोस्त से मिलने जाना था वो लगातार गुंजन से संपर्क करने की कोशिश कर रहा था। उसने कई कॉल्स गुंजन के मोबाइल्स पर कीं। जब गुंजन ने फोन कॉल का जवाब नहीं दिया तो दोस्त ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद दुर्घटना का पता चला।

वहीं गुंजन के परिवार वाले देहरादून से चंड़ीगढ़ के लिए निकल चुके हैं। देर शाम तक गुंजन का पार्थिव शरीर देहरादून लाया जाएगा।

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गुंजन डंगवाल (Gunjan Dangwal) का जन्म 4 सितंबर 1996 को टिहरी गढ़वाल के अखोडी गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम कैलाश डंगवाल है और मां का नाम सुनीता डंगवाल है। माता पिता दोनों ही टीचर हैं। गुंजन के छोटे भाई का नाम श्रीजन डंगवाल है। वो भी फिल्म डायरेक्टर के तौर पर काम कर रहें हैं।

गुंजन की शुरुआत पढ़ाई टिहरी में ही हुई थी। गुंजन ने दिल्ली से इंटरमीडियट किया था। इसके बाद उन्होंने बीटेक किया था। संगीत में रुचि होने के चलते गुंजन ने पेशेवर संगीतकार के तौर पर अपना करियर बनाया और कई बेहतरीन धुनें बनाईं।

गुंजन डंगवाल जिस धुन से फेमस हुए वो चैत की चैत्वाली गाने की धुन थी। अमित सागर के गाए इस गाने को गुंजन ने अपनी धुन से सजाया। आज से गाना उत्तराखंड का सबसे अधिक पॉपुलर गाना है।

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