हरिद्वार महाकुंभ में एक और घोटाले की बू आने लगी है। ये घोटाला परिवहन निगम के कर्मचारियों के खाने पीने को लेकर किया गया है। इसके पहले भी कुंभ में आए लोगों की कोरोना जांच में घोटाले का मामला सामने आ चुका है।
दरअसल आरटीआई के तहत एक सूचना मांगी गई। इस सूचना में महाकुंभ के दौरान हरिद्वार में दक्षद्वीप बस अड्डे पर चालकों, परिचालकों और अन्य कर्मचारियों के खाने पीने के बारे में जानकारी मांगी गई। पता चला कि इस बस अड्डे पर कुल 383 रोडवेज कर्मचारी मौजूद थे और बिल लगाया गया है 1164 कर्मियों के भोजन का।
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दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर के अनुसार आशंका जताई जा रही है कि खाने के बिलों में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। फिलहाल इस मसले को जीएम रोहित मीणा देख रहें हैं। उन्होंने खाने के बिलों से जुड़े दस्तावेज मंगाए हैं। आशंका है कि ऐसे ही घपले अन्य बस अड्डों पर भी हो सकते हैं। फिलहाल एक हफ्ते में जांच पूरी होने की उम्मीद है।
आपको बता दें कि हरिद्वार कुंभ इस बार महज एक हफ्ते की अवधि का रहा है। सरकार ने कोरोना के चलते रोक लगा दी थी। इस दौरान यात्रियों के लिए अस्थायी बस अड्डे बनाए गए थे। इस बस अड्डों पर कर्मियों के भोजन और नाश्ते का ठेका प्राइवेट ठेकेदारों को दिया गया था
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