भारतीय रिजर्व बैंक ने 15 जुलाई को भारत में विदेशी मुद्रा भंडार के संबंध में आंकड़े जारी कर दिए हैं। RBI के मुताबिक 8 जुलाई को खत्म हुए सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 8 अरब डॉलर गिरकर 580.25 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले 15 महीनों में सबसे निचले स्तर पर है। रिपोर्ट बताती है कि पिछले हफ्ते में ही भारत का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 5 अरब डॉलर कम हो गया और एक अप्रैल को खत्म हुए सप्ताह के बाद से लगातार हो रही साप्ताहिक गिरावट ने बाजार से जुड़े जानकारों की चिंता बढ़ा दी है। आपको बता दें कि इससे पहले अप्रैल में भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में 11.17 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई थी।

आरबीआई द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि, विदेशी मुद्रा भंडार में आने वाली कमी की वजह फॉरेन करेंसी असेट्स (FCA) में आई गिरावट है। आपको बता दें कि, एफसीए, गोल्ड रिजर्व और पूरे रिजर्व का हिस्सा है। एक जुलाई को खत्म हुए सप्ताह में भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार 5.008 अरब डॉलर गिरकर 588.314 अरब डॉलर हो गया था और आठ जुलाई को खत्म हुए सप्ताह में ये और गिरकर 580.25 अरब डॉलर हो गया है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले साल सितंबर की शुरुआत में 642 अरब डॉलर के ऊपर पहुंच गया था। इस लिहाज से देखें तो यानि 11 महीने से कम वक्त में भंडार 63 अरब डॉलर घट चुका है।

डॉलर के मुकाबले रुपया धड़ाम, रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचा

वहीं, सोने का भंडार भी पिछले सप्ताह के 40.42 अरब डॉलर से गिरकर 39.19 अरब डॉलर हो गया। रिपोर्ट के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट की बड़ी वजह विदेशी मुद्रा एसेट्स का घटना है, जो भारत के कुल मुद्रा भंडार का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। वहीं, स्वर्ण मुद्रा भंडार में कमी आने की वजह से भी विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है। आरबीआई द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, आठ जुलाई को खत्म हुए हफ्ते में भारत के स्वर्ण मुद्रा भंडार के मूल्य में भी कमी आई है और यह 1.236 अरब डॉलर घटकर 39.186 अरब डॉलर पर आ गया है।

वहीं, आईएमएफ के पास जमा विशेष आहरन अधिकार (एसडीआर) भी 12.6 करोड़ डॉलर कम होकर 18.012 अरब डॉलर हो हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय बैंक तेज गति को नियंत्रित करने के लिए विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप करता है। रुपये की गिरावट को रोकने के लिए पिछले कुछ महीनों में आरबीआई द्वारा विदेशी मुद्रा की भारी बिक्री के बावजूद, रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के बाद से भारतीय मुद्रा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 4.6 प्रतिशत कमजोर हुई है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास सहित आरबीआई के अधिकारियों ने बार-बार कहा है कि, आरबीआई रुपये में व्यवस्थित चाल सुनिश्चित करेगा। 6 जुलाई को, केंद्रीय बैंक ने कहा कि बाहरी झटके के खिलाफ बफर प्रदान करने के लिए उसके पास विदेशी मुद्रा भंडार का “पर्याप्त स्तर” है।

वहीं, दुनियाभर में भारी महंगाई और आर्थिक मंदी की आहट के बीच जापानी रेटिंग एजेंसी नोमुरा ने भारत का ग्रोथ रेट भी घटा दिया है, जिसके बाद सवाल उठ रहे हैं, कि क्या दुनिया के कई देशों के साथ भारत भी आर्थिक मंदी में फंस सकता है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मुद्रास्फीति के माहौल में दुनिया भर में मंदी की चिंताओं को देखते हुए, नोमुरा के विश्लेषकों ने भारत के 2023 के विकास दर के अनुमान को घटाकर 4.7% कर दिया है, जो भारत के लिहाज से बड़ा झटका है।

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