
दुनिया को क्रिकेट का आईपीएल फार्मेट देने वाला ललित मोदी अपना ही देश छोड़कर क्यों भागा? क्या है ललित मोदी की जिंदगी की पूरी कहानी? सरकार ने ललित मोदी को वापस क्यों नहीं ला पाई? ललित मोदी से जुड़ी हर जानकारी पढ़िए यहां।
ललित मोदी ने भारत ही नहीं दुनिया को आईपीएल के तौर पर खेल से जुड़ा एक ऐसा फार्मेट दिया जो बाजार, पैसा और खेल को एक साथ ले आया। ललित मोदी ने भारत में क्रिकेट की ताकत को पहचाना और उसे भुनाया भी। मिलयन डॉलर क्लब से क्रिकेट को बिलियन डॉलर क्लब तक पहुंचाने वाले ललित मोदी ही हैं। ललित मोदी और क्रिकेट का ये साथ कब और कैसे शुरु हुआ चलिए आपको बताते हैं।
ललित मोदी ने 1993 के आसपास मोदी इंटरटेनमेंट नाम की एक कंपनी बनाई। इस कंपनी के पास वाल्ट डिज्नी और फैशन टीवी के राइट्स थे और दस साल का करार भी था। मोदी की कंपनी इनके चैनल को भारत में डिस्ट्रीब्यूट करती थी। इसी दौरान उन्हें वाल्ट डिज्नी के चैनल ESPN को भी डिस्ट्रीब्यूट करने का मौका मिला। ESPN पर भारतीय क्रिकेट टीम के कई मैचों का लाइव टेलिकास्ट होता था। बस यही से ललित मोदी को क्रिकेट की ताकत का पता चला। ललित मोदी समझ गए थे कि भारत में क्रिकेट के कर्ताधर्ता क्रिकेट की ताकत को समझ ही नहीं पा रहें हैं। यहीं से ललित मोदी के दिमाग में आईपीएल (IPL) का आईडिया आ चुका था। इसके बाद ललित मोदी ने क्रिकेट एसोसिएशन में आना जरूरी था। ललित मोदी हिमाचल प्रदेश से क्रिकेट एसोसिएशन में घुसने की कोशिश में लग गए। बात नहीं बनी तो राजस्थान की ओर लौटे। राजस्थान में नियमों के तहत वो चुनाव नहीं लड़ सकते थे। ललित मोदी ने इसका भी तोड़ निकाला और अपना नाम बदल दिया। ललित मोदी से ललित कुमार बन गए और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में चुन लिए गए।

सरकार का एक फैसला और मोदी बने चैंपियन
अब उन्हें एसोसिएशन का अध्यक्ष बनना था। काम मुश्किल था। उस दौरान राजस्थान में बीजेपी की सरकार थी और मुख्यमंत्री थीं वसुंधरा राजे। चुनावों से पहले सरकार ने एक नया नियम बना दिया। इस नियम के चलते जिला एसोसिएशनों से जुड़े 66 अधिकारी अयोग्य हो गए। अध्यक्ष के चुनाव में 32 वोट पड़े और ललित मोदी चुनाव जीत कर अध्यक्ष बन गए। बस फिर क्या था। ललित मोदी जो चाहते थे वो पा चुके थे।
ललित मोदी आईपीएल का आइडिया लेकर जगमोहन डालमिया के पास पहुंचे। डालमिया को आईपीएल का फंडा समझ नहीं आया। इसके बाद ललित मोदी ने शरद पंवार को ये आईडिया दिया। शरद पंवार को आइडिया पसंद आ गया। इसके बाद बीसीसीआई के चुनावों में डालमिया हार और शरद पंवार BCCI के अध्यक्ष बन गए। ललित मोदी के लिए रास्ता बन चुका था। शरद पंवार ने देश में आईपीएल शुरु कराने की इजाजत दे दी और इसका जिम्मा ललित मोदी को दिया गया। ललित मोदी ने इस पर एक साल की तैयारी की। 2008 में ललित मोदी ने देश में आईपीएल की शुरुआत करा दी।
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देश छोड़ कर भागे
हालांकि ललित मोदी के लिए आने वाला समय अच्छा नहीं था। आईपीएल में धांधली की खबरें आने लगीं। फिक्सिंग के आरोप लगने शुरु हुए। अरबों रुपए की हेराफेरी सामने आने लगी। इसके साथ मनी लॉड्रिंग का मामला भी सामने आया। इन सब मामलों में ललित मोदी सबसे पहले घिर और उनपर ही आरोप लगे। दरअसल 2010 में कोच्चि और पुणे की टीम की आईपीएल में इंट्री हुई। कोच्चि की टीम की आईपीएल में इंट्री संदेह के घेरे में आ गई। आरोप लगे कि ऑक्शन में गड़बड़ी हुई है। BCCI ने जांच की और ललित मोदी को सस्पेंड कर दिया। इसी बीच पूरे मामले में ईडी की भी इंट्री हो गई। ललित मोदी ने खतरे को भांप लिया और देश छोड़ कर भाग गए। तब से ललित मोदी कभी भारत नहीं आए। वो एक भगोड़े हैं। मोदी सरकार में उन्हें वापस लाने की बात चली लेकिन सरकार अब तक सफल नहीं हो पाई है।

राजा की तरह बिताई जिंदगी
आईपीएल के शुरुआती दिनों में ललित मोदी किसी राजा की तरह रहा करते थे। उनके पास वो सबकुछ था जो वो चाहते थे। मोदी ने IPL का चेयरमैन बनने के बाद अपने लिए एक प्राइवेट जेट रखा था। चैलेंजर 300 नाम का ये प्राइवेट जेट 8 सीटर था और ऐशो आराम का हर साधन इसमें मौजूद था। ललित मोदी इस चार्टर प्लेन को हमेशा अपने लिए बुक रखते और खूब सफर भी करते। इस चार्टर प्लेन से वो एक ही दिन में एक से अधिक शहरों में भी दौरा कर लेते। उस समय इस चार्टर का एक घंटे का किराया करीब दो से तीन लाख रुपए था। लेकिन ललित मोदी के लिए ये रकम कोई माएने नहीं रखती थी।
मां की सहेली से शादी
56 साल के ललित मोदी अपनी जिंदगी को अपनी तरह से जीने वाले शख्स है। उद्योगपति कृष्ण कुमार मोदी के बेटे ललित मोदी की ही फैमली ने मोदी ग्रुप खड़ा किया। उनके ही परिवार ने मोदीनगर बनाया। ललित मोदी को उनके पिता ने अच्छी पढ़ाई के लिए शिमला बोर्डिंग में भेजा। लेकिन ललित अमेरिका जाना चाहते थे। ललित की जिद के सामने पिता झुक गए और ललित मोदी अमेरिका पढ़ने चले गए। वहां से लौटे तो उनकी मुलाकात अपनी मां की सहेली मीनल से हुई। मीनल उम्र में ललित से 10 साल बड़ी थीं और एक नाइजीरियन व्यापारी की एक्स वाइफ थीं। ललित ने परिवार वालों को बताया कि वो मीनल से शादी करना चाहते हैं। परिवार वाले राजी नहीं हुए। लेकिन ललित मोदी ने परिवार के खिलाफ जाकर मीनल से शादी कर ली। इसके चलते ललित को परिवार से अलग भी होना पड़ा। बाद में मीनल की कैंसर से मौत हो गई।
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