UKSSSC STF
उत्तराखंड में UKSSSC की परीक्षा में धांधली का आखिरकार खुलासा हो गया है। STF ने इस मामले में 6 आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। हैरानी इस बात की है कि परीक्षा 2021 में हुई थी और सीएम धामी ने दो दिनों पहले ही इसकी जांच के आदेश दिए थे और दो दिनों में ही खुलासा हो गया।
फिलहाल खबर ये है कि STF ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चार व पांच दिसंबर 2021 को विभिन्न विभागों में कराई गई स्नातक स्तर की भर्ती परीक्षा में हुई धांधली का खुलासा कर दिया है। शुक्रवार को ही सीएम धामी ने इसकी जांच के आदेश डीजीपी को दिए थे। उत्तराखंड राज्य बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चार व पांच दिसंबर 2021 को आयोजित विभिन्न पदों के लिए भर्ती परीक्षा में हुई अनियमितता के संबंध में मुख्यमंत्री धामी को ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई की मांग की थी।

6 आरोपी पकड़े गए 

STF ने इस मामले में 6 आरोपियों को हिरासत में लिया है। STF ने आरोपियों के पास से 37.10 लाख रुपये भी बरामद किए हैं। पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि मनोज जोशी पुत्र बालकिशन जोशी निवासी ग्राम मयोली, थाना दनिया, जिला अल्मोडा वर्ष 2014-2015 से वर्ष 2018 तक रायपुर स्थित अधीनस्थ चयन सेवा आयोग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी(पीआरडी) के रूप में तैनात था। वर्ष 2018 में विभागीय शिकायत पर उक्त कर्मचारी को आयोग से हटा दिया गया। इससे पूर्व यह कर्मचारी 12 वर्ष तक लखनऊ सूर्या प्रिंटिंग प्रेस में कार्य कर चुका था।

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आयोग के कार्यालय में मनोज जोशी पुत्र रमेश जोशी निवासी ग्राम पाटी, जिला चम्पावत का भी परीक्षाओं के कार्यक्रम के सम्बन्ध में जानकारी हेतु आना-जाना लगा रहता था जिस कारण उसकी पहचान मनोज जोशी पुत्र बालकृष्ण जोशी उपरोक्त से हो गई थी। चंपावत निवासी मनोज जोशी अभियुक्त कुलवीर सिंह चौहान पुत्र सुखवीर सिंह निवासी चांदपुर बिजनौर के करनपुर डालनवाला में संचालित डेल्टा डिफेन्स कोचिंग इन्स्टीटयूट से कोचिंग ले रहा था। कुलवीर ने ही मनोज जोशी को शूरवीर सिंह चौहान पुत्र अतर सिंह चौहान निवासी कालसी से मिलवाया। साथ ही किच्छा में प्राइवेट स्कूल में तैनात गौरव नेगी पुत्र गोपाल सिंह से जानपहचान हुई। इन्होंने मिलकर मनोज जोशी पुत्र बालकिशन जोशी के साथ मिलकर कम्पयूटर प्रोग्रामर जयजीत दास से मिलकर पेपर लीकर करवाने के एवज में 60 लाख रुपये दिए।

प्रोग्रामर ने किया एक्सट्रैक्ट

दूसरा अभियुक्त जयजीत दास पुत्र विमल दास निवासी पण्डितवाड़ी, थाना कैण्ट, देहरादून आउटसोर्स कम्पनी आरएमएस टेक्नोसोल्यूसन इण्डिया प्रालि के माध्यम से कम्पयूटर प्रोग्रामर के रूप में वर्ष 2015 से कार्यरत् था तथा उक्त कम्पनी द्वारा अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के गोपनीय कार्य किये जाते थे जिस कारण जयजीत दास की जान पहचान मनोज जोशी उपरोक्त से हुई थी।
जयजीत दास UKSSSC में जाकर पेपरों की सेटिंग और अन्य तकनीकी कार्यों के कारण परीक्षा के प्रश्न एक्सट्रैक्ट कर लेता था। जिसे वह आरोपियों तक पहुंचाता था। टीम ने जयदीप की निशानदेही पर 37.10 लाख रूपये कैश बरामद किया है।

सीएम हुए सख्त, हुआ खुलासा

खबर ये भी है कि ये पूरा मामला सीएम धामी की सक्रियता से ही खुला है। बताया जा रहा है कि आयोग ने पहले भी एक शिकायत पुलिस को दी थी। कुछ व्हाट्सअप चैट्स की स्क्रीन शॉट्स भी सौंपे गए। इस संबंध में मई में एसटीएफ से आख्या भी मांगी गई लेकिन जुलाई तक वो नहीं मिली। ऐसे में शुक्रवार को सीएम ने बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल से जब मुलाकात की तो उन्हें मामले की गंभीरता समझ आ गई। इसके बाद सीएम धामी ने पुलिस को सख्त आदेश देकर जल्द खुलासे के लिए कहा। तब कहीं जाकर ये मामला खुल पाया।

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