उत्तराखंड में चुनाव बीता और चुनाव के साथ ही चुनावी वादे भी भुला दिए गए। कुछ ऐसा ही हो रहा है पुलिसकर्मियों के ग्रेड पे के मामले में। जिस ग्रेड पे के लिए खुद मुख्यमंत्री घोषणा कर चुके हों उस घोषणा पर छह महीने बाद भी अमल न होने से अब नाराजगी सामने आने लगी है। वहीं नाराजगी जताने पर पुलिसकर्मियों पर गाज भी गिरनी शुरु हो गई है।

दरअसल पुलिसकर्मियों को 4600 ग्रेड पे का मामला अब भी लटका हुआ है। ग्रेड पे की मांग करने और इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के चक्कर में चार पुलिसकर्मियों पर गाज गिर गई है। उन्हे सस्पेंड कर दिया गया है। आरोप है कि इन पुलिसकर्मियों के परिजन इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए।

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जिन पुलिस कर्मियों को सस्पेंड किया गया है उनमें चमोली पुलिस लाइन में तैनात सिपाही दिनेश चंद्र, एससीआरबी देहरादून में तैनात सिपाही हरेंद्र सिंह, दून में ही तैनात मनोज बिष्ट और एसडीआरएफ उत्तरकाशी में तैनात कुलदीप भंडारी को सस्पेंड किया गया है। सिपाहियों का ये निलंबन आचरण नियमावली के तहत किया गया है। नियमावली की धारा 5 में ऐसे प्रावधान हैं।

आपको बता दें कि राज्य में पुलिसकर्मियों को 4600 ग्रेड पे की मांग को लेकर पिछले वर्ष बड़ा आंदोलन हुआ था। चुनावी साल में पुलिसकर्मियों की नाराजगी भारी न पड़ जाए इसे देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते 21 अक्टूबर 2021 को पुलिस स्मृति परेड के दिन वर्ष 2001 में भर्ती पुलिस जवानों का 4600 ग्रेड पर लागू करने की घोषणा कर दी थी। हालांकि महीनों बाद भी इस संबंध में शासनादेश जारी नहीं हुआ और अब पुलिसकर्मियों के परिजन फिर एक बार सड़क पर हैं।

रविवार को पुलिसकर्मियों के परिजनों ने प्रेस क्लब के पास एक रेस्ट्रा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी व्यथा मीडिया के सामने रखी थी। इसके बाद पुलिस आचरण नियमावली के तहत ये गलत माना गया और प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल चार पुलिसकर्मियों के परिजनों के आधार पर पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।

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