cm dhamiUKSSSC पेपर लीक मामले की जांच करवाने के बाद अब सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पिछले कुछ सालों में हुई हर परीक्षा का बहीखाता खोलने का मन बना लिया है। सीएम धामी ने अब दरोगा भर्ती में हुई धांधली की फाइलें भी खुलवा ही दीं हैं। पुलिस मुख्यालय ने शासन से विजिलेंस जांच की सिफारिश कर दी है। इस मामले में गृह विभाग ने कार्मिक विभाग से विजिलेंस जांच के लिए कहा है।

दरोगा भर्ती में धांधली की जांच कराने के आदेश से एक बात और साफ हो गई है कि UKSSSC पेपर लीक में एसटीएफ की जांच के बारे में सीएम धामी एक एक अपडेट ले रहें हैं। सीएम धामी इस पेपर लीक में जांच और पकड़े गए लोगों से पूछताछ में मिली जानकारी के बारे में लगातार खुद को अपडेट रख रहें हैं।

सीएम धामी के पास हर अपडेट

दरअसल ये इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि एसटीएफ को यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले की जांच के दौरान ही 2015 में हुई दरोगा भर्ती में धांधली के संकेत भी मिले। सूत्रों की माने तो या तो कुछ अभ्यर्थियों ने गलत तरीके से परीक्षा पास की या फिर उनके दस्तावेजों में कुछ गड़बड़ी को दरकिनार किया गया। बताया जा रहा है कि इस बारे में सीएम धामी को अपडेट मिला। अब चूंकि एसटीएफ खुद पुलिस हेडक्वार्टर के अधीन आती है और दरोगा भर्ती परीक्षा भी इसी पुलिस मुख्यालय की देखरेख में हुई थी लिहाजा एसटीएफ ये जांच नहीं कर सकती थी। इसीलिए गृह विभाग ने कार्मिक को पत्र लिखा और कार्मिक ने विजिलेंस को जांच की सिफारिश कर दी। ये सब कुछ बहुत तेजी से हुआ। ऐसे में साफ है कि सीएम धामी इस पूरे प्रकरण पर पैनी नजर रखे हुए हैं और किसी को बच निकलने का मौका नहीं देना चाहते हैं।

उत्तराखंड में दरोगा भर्ती

उत्तराखंड राज्य में 2015 में दरोगा के 339 पदों पर भर्तियां हुईं थीं। ये सीधी भर्ती थी और इस परीक्षा को कंडक्ट कराने का जिम्मा पंतनगर यूनिवर्सिटी के पास था। हाल में पंतनगर यूनिवर्सिटी का एक रिटायर्ड कर्मचारी एसटीएफ ने दबोचा है। दरोगा भर्ती का रिजल्ट दो बारी जारी करना पड़ा था। दरअसल आरक्षण के विवाद के चलते ऐसा हुआ।

सीएम धामी के सख्त तेवरों के चलते उत्तराखंड में नकल माफिया और इस पूरे धंधे से जुड़े नेटवर्क में खलबली मची हुई है। कई ऐसे सफेदपोश हैं जो अपने आकाओं के चक्कर काटने में लगे हैं ताकि उनकी जान किसी तरह से बच जाए। हालांकि सीएम धामी के दरबार में एस मामले में किसी की सुनवाई नहीं हो रही है। खबरें ये भी हैं कि सीएम के आसपास रहने वालों को भी समझ में आ गया है कि मुख्यमंत्री नकल माफिया के नेटवर्क को तोड़ने का मन बना चुके हैं। लिहाजा दरबार लगाने वालों की नो इंट्री कर दी गई है।

The post हर परीक्षा का बही खाता देख रहे धामी, दरबारियों से दूरी, आकाओं की मजबूरी first appeared on Khabar Uttarakhand News.





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