उत्तराखंड में लगता है अब एक परीक्षा घोटाला जांच विभाग का ही गठन करना पड़ेगा। हालात कुछ ऐसे ही बन रहें हैं। सीएम धामी के जरिए वन दरोगा भर्ती मामले की जांच एसटीएफ को दिए जाने के बाद बड़ा खुलासा हुआ है। पता चला है कि आयोग ने एक ब्लैक लिस्टेड कंपनी को ही परीक्षा का जिम्मा सौंप दिया।
दरअसल उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने वन दरोगा की ऑनलाइन परीक्षा 2021 के अंतिम महीनों में कराई। आयोग ने जिस कंपनी को इस परीक्षा का जिम्मा दिया उस कंपनी का नाम एनएसईआईटी लिमिटेड था। इसी कंपनी ने राज्य के अलग अलग सेंटरों पर वन दरोगा की भर्ती परीक्षा आयोजित कराई।
अब पता चला है कि इस परीक्षा के आयोजन से एक महीने पहले ही ये कंपनी मध्य प्रदेश में ब्लैक लिस्ट की जा चुकी थी। वहां इस कंपनी ने कई सरकारी परिक्षाएं आयोजित कराईं और उसमें धांधली का खुलासा हुआ था लिहाजा कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया।
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अब हैरानी की बात ये है कि उत्तराखंड में आयोग के अधिकारियों को इस बात की खबर ही नहीं लगी। आशंका इस बात की भी है कि आयोग ने किसी दबाव में इस कंपनी को काम देना जारी रखा। फिलहाल ये जांच का विषय है लेकिन ये बात स्पष्ट है कि आयोग ने लापरवाही की है। आयोग के जिम्मेदार पदों पर बैठे चेयरमैन और सचिव अपनी जिम्मेदारी निवर्हन करने में असफल रहे।
पिछले साल हुई वन दरोगा की ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में नकल के मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर दर्ज हुए इस इस मुकदमे की जांच डीजीपी ने एसटीएफ को सौंपी है। साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज मुकदमे में छह लोगों को नामजद किया गया है।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से 316 पदों के लिए हुई यह परीक्षा 16 सितंबर से 25 सितंबर तक 18 शिफ्टों में आयोजित की गई थी।
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