उत्तराखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक बी एस सिद्धू पर गंभीर आरोप लगे हैं। बीएस सिद्धू पर देहरादून के राजपुर रोड पर 9 बीघा जमीन पर अवैध तरीके से जमीन कब्जाने और पेड़ काटने के गंभीर आरोप लगे हैं।

गौरतलब है कि साल 2012 में बीएससी सिद्धू उत्तराखंड में डीजीपी के पद पर तैनात थे, जिसके चलते उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए आरक्षित वन क्षेत्र में अवैध तरीके से जमीन कब्जाने के गंभीर आरोप लगे है। इन मामलों में पूर्व डीजीपी और 7 अन्य लोगों पर आरोपी लगे हैं। उनके खिलाफ राजपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

जिसको लेकर लंबे समय से भाजपा के नेता व वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने हाईकोर्ट में याचिका डाली गई थी। जिसके चलते 10 साल बाद पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू के खिलाफ राज्य सरकार ने थाना राजपुर मुकदमा दर्ज करते हुए जांच करने के निर्देश दे दिए गए हैं।

वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने राज्य सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस पूरी लड़ाई को लड़ने में 10 साल लग गए हैं जिसके बाद यह बड़ा फैसला राज्य सरकार की ओर से लिया गया है। उन्होंने सरकार से मांग कि बीएस सिद्धू को सलाखों की पीछे भेजा जाए और उन्हे कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।

इस मामले में प्रदेश की पुष्कर सिंह धामी सरकार की ओर से पूर्व डीजीपी और सात अन्य के खिलाफ कार्रवाई की गई। पूर्व डीजीपी पर सरकारी जमीन कब्जा करने और पेड़ काटने का आरोप लगा है। जानकारी के अनुसार, सिद्धू ने साल 2012 में मसूरी वन प्रभाग में वीरगिरवाली गांव में जमीन खरीदी थी। इस जमीन पर लगे 25 साल के पेड़ों को कटवा दिया था। इसकी सूचना सरकार को दी गई। जांच हुई तो पता चला कि जिस जमीन से पेड़ काटे गए, वे रिजर्व फॉरेस्ट पर लगाए गए हैं।

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