एक तरफ तो केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की धामी सरकार लघु उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए अभियान चलाए हुए है वहीं दूसरी ओर मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने सैंकड़ो लघु उद्यमियों को एक ही झटके में बेरोजगार कर दिया है। MDDA की एक कार्रवाई से देहरादून में सैंकड़ों लघु उद्यमी बेरोजगार हो गए हैं और अब सीएम पुष्कर सिंह धामी से न्याय की गुहार लगा रहें हैं।
दरअसल हाल ही में हुए अंकिता हत्याकांड के बाद सीएम धामी ने राज्य भर के रिजार्ट और होमस्टे, होटलों आदि की जांच के आदेश दिए। इसी आदेश का सहारा लेकर MDDA ने देहरादून में तमाम कैफे को सील करना शुरु कर दिया। राजपुर रोड पर MDDA ने पार्किंग न होने का हवाला देते हुए कई कैफे सील कर दिए। इनमें से कई कैफे ऐसे हैं जो स्टार्टअप्स के तौर पर शुरु किए गए हैं। इसके लिए उनके मालिकों ने अच्छी खासी रकम बैंक से लोन के तौर पर ले रखी है। यही नहीं उन्होंने अपना यहां स्टाफ भी रख रखा है।
MDDA की इस कार्रवाई ने एक झटके में इन कैफे और रेस्त्रां को सील कर दिया। इस सीलिंग की कार्रवाई के बाद ये तमाम कैफे और रेस्त्रां न सिर्फ बंद हो चुके हैं बल्कि इनमें काम करने वाला स्टाफ भी सड़कों पर आ गया है। वहीं इन कैफे और रेस्त्रां के मालिकों और उनमें काम करने वाले स्टाफ ने शनिवार को जिलाधिकारी के दफ्तर पर दस्तक दी। हालांकि जिलाधिकारी ने अपने दफ्तर में इनसे मुलाकात नहीं की है लेकिन खबरें हैं कि अब इन्हे कंपाउंडिंग के लिए कहा जाएगा।
वहीं इस मामले में लघु उद्यमियों ने धामी सरकार से भी गुहार लगाई है। स्टार्टअप मालिकों ने सीएम धामी से मिलने का वक्त मांगा।
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