हरक सिंह रावत की करीबी रहीं शिक्षा विभाग की अधिकारी दमयंती रावत अब बड़ी मुश्किल में फंस सकती हैं। दमयंती के खिलाफ चल रही वित्तीय अनियमितता की विभागीय जांच में उन्हे दोषी पाया गया है।

दरअसल शिक्षा विभाग की खंड शिक्षा अधिकारी दमयंती रावत को पिछली सरकार में श्रम विभाग देख रहे कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत अपने विभाग में प्रतिनियुक्ति पर ले आए थे। उन्हे उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड देहरादून का सचिव बनाया गया।

पिछली सरकार में जब त्रिवेंद्र और हरक के रिश्ते बिगड़े तो दमयंती निशाने पर आ गईं। इसी बीच हरक ने बीजेपी छोड़ दी और कांग्रेस में आ गए। इधर सरकार ने दमयंती पर जांच बैठा दी। आरोप लगे कि  शिक्षा विभाग की खंड शिक्षा अधिकारी दमयंती रावत पर आरोप लगा था कि उन्होंने उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड देहरादून के सचिव के पद पर रहते हुए वित्तीय नियमों का उल्लंघन किया। उन्होंने सक्षम स्तर से अनुमति के बिना ही कर्मचारी राज्य बीमा निगम को ऋण के रूप में 20 करोड़ की धनराशि हस्तांतरित की।

धनराशि गैर प्रशासनिक वित्तीय स्वीकृति प्राप्त परियोजना कोटद्वार में मेडिकल कालेज के लिए की गई। शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने इस मामले में 29 जून 2022 को श्रम आयुक्त की अध्यक्षता में तीन अधिकारियों की जांच समिति गठित कर उपलब्ध साक्ष्यों एवं तथ्यों के आधार पर जांच रिपोर्ट मांगी गई थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अब जांच पूरी हो गई है और रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। इस रिपोर्ट में दमयंती को दोषी पाया गया है। शिक्षा सचिव ने शासन तक ये रिपोर्ट पहुंचा भी दी है। इसके बाद शासन ने किसी कानूनी कार्रवाई से पहले पूरी जांच प्रक्रिया को क्रास चेक करने के लिए कहा है। माना जा रहा है कि इसके बाद दमयंती पर कार्रवाई तय है। दोष साबित होने पर दमयंती को सेवा से बर्खास्त भी किया जा सकता है।

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