pension

उत्तराखंड में समाज कल्याण का अनोखा कारनामा सामने आ रहा है। दैनिक जागरण के हवाले से जानकारी आ रही है कि समाज कल्याण निदेशायल ने प्रदेश में वृद्धा, दिव्यांग, विधवा और राट्रीय पारिवारिक लाभ योजना पेंशन बांटने का काम स्टेट बैंक ऑफ (एसबीआइ) से एमओयू खत्म कर आइसीआइसीआइ बैंक के साथ एग्रीमेंट कर इसे सौंप दिया है, लेकिन इस बैंक की प्रदेश के पांच जिलों में अपनी ब्रांच तक नहीं है। समाज कल्याण निदेशालय की ओर से बैंक को सालाना 600 करोड़ का केंद्र पोषित फंड दिया जा रहा है।

गौरतलब है कि नान सीबीएस बैंक में पेंशन जाने का नुकसान हर तीसरे महीने में प्रदेश के 1.75 लाख पेंशनरों को उठाना पड़ रहा है, या तो पेंशन देर से आती है या वापस चली जाती है। भारतीय स्टेट बैंक पर शर्त पूरी न करने का आरोप लगाकर पूर्व समाज कल्याण मंत्री ने एमओयू समाप्त कर दिया था। 12 नवंबर 2021 को मंत्री के निर्देश पर ही आइसीआइसीआइ बैंक से एग्रीमेंट किया गया था।

इस संबंध में समाज कल्याण निदेशालय से कोई आख्या नहीं मांगी गई थी। जब बैंक के साथ एग्रीमेंट किया गया था उस समय पता था कि बैंक की प्रदेश के कई जिलों में अपनी ब्रांच नहीं है। लेकिन बैंक अधिकारियों ने आश्वसान दिया था कि वह पेंशन वितरण के सभी मानकों पर खरा उतरेगा। अब एक साल पूरा होने में कुछ ही दिन बचे हैं, लेकिन बैंक शर्तों को पूरा नहीं कर पाया है।

उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर व चम्पावत में आइसीआइसीआइ बैंक की कोई भी ब्रांच नहीं है। वहीं इस मामले में समाज कल्याण मंत्री चंदन राम दास के अनुसार पेंशन योजना में पादर्शिता बनाने के लिए पीएफएमएस भुगतान प्रणाली को लागू किया गया है। बैंक शर्ताे का उल्लंघन कर रहा है तो इस मामले की जांच कराई जाएगी।

इससे साफ जाहिर है कि इसका नुकसान हर जिले के करीब 35 हजार पेंशनरों को तीसरे महीने में हो रहा है। कौर बैंकिंग सिस्टम (सीबीएस) खातों में पेंशन जाने में 15 से 20 दिन का समय लग रहा है। इस दौरान तकनीकि दिक्कत आने पर यदि रिफंड होती है तो इसमें 25 दिन लग रहे हैं। जिससे बैकलाक की स्थिति बन रही है।

ऐसा माना जा रहा है कि बैंक खाते कौर बैंकिंग सिस्टम नहीं होने से पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) प्रणाली का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है। दरअसल, सरकार से पेंशन का बजट जैसे ही निदेशालय में पहुंचता है। उसे पीएफएमएस प्रणाली के तहत आइसीआइबैंक को ट्रांसफर कर दिया जाता है। बैंक से पेंशन बिना रुके दो से तीन दिन में खातों में आ जाती है। खास बात यह है कि इसकी मानिटरिंग सीधे निदेशालय स्तर से होती है। पेंशन कहीं रूकी तो नहीं यह भी एक क्लिक पर देखा जा सकता है।

ये हैं नान सबीबीएस खाते

नान सीबीएस खाते का मतलब आफलाइन बैंकिंग सेवा से होता है। जो पोस्ट आफिस व मिनी सहकारी बैंक में अधिकतर लोगों नान सीबीएस खाते हैं। इन खाताधारकों को आनलाइन पेमेंट करने के बजाय आफलाइन चेक से बजट दिया जा रहा है।

इन शर्तों को नहीं माना गया

सीबीएस में बैंक खातों को नहीं बदला गया
छह माह में सीबीएस खाते खोलने की थी शर्त
बैंक व निदेशालय के बीच कोई कर्मचारी नहीं हुआ नियुक्त
नहीं बना डेस्क बोर्ड जिससे कोई जानकारी मिले
बैंक खाते ट्रांसफर करने के लिए एक साल में भी नहीं लगाया कोई शिविर
प्रदेश में मिलने वाली तिमाही तीन पेंशन योजना

पेंशन योजना लाभार्थी डिमांड

वृद्धावस्था 464015 164 करोड़ रुपये

विधवा 184347 72 करोड़ रुपये

दिव्यांग पेंशन 75388 32 करोड़ रुपये

The post समाज कल्याण का अनोखा कारनामा, ऐसे बैंक को दे डाला पेंशन देने का जिम्मा, जिसकी इन जिलों में नहीं है एक भी ब्रांच first appeared on Khabar Uttarakhand News.





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