UKSSSC के जरिए कराई गई ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीपीडीओ) भर्ती घोटाले में आरोपी आयोग के पूर्व अध्यक्ष आरबीएस रावत और आयोग के सचिव एमएस कन्याल अभी जेल में ही रहेंगे। कोर्ट ने दोनों की जमानत की याचिका खारिज कर दी है।
दोनों ने स्पेशल विजिलेंस जज चंद्रमणि राय की अदालत में जमानत की याचिका डाली थी। दोनों ही आरोपियों का तर्क था कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है। दोनों ही आरोपियों के वकीलों ने कहा कि दोनों अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया और उन्हें साजिश के तहत फंसाया जा रहा है।
हालांकि अभियोजन पक्ष के सामने बचाव पक्ष की दलीलें टिक नहीं पाईं। अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि दोनों ही आरोपियों के सीडीआर इनके अन्य आरोपियों के साथ संपर्क में होने की पुष्टि कर रहें हैं। इसके साथ ही अभियोजन ने कहा कि दोनों अधिकारी जिम्मेदार पद पर होते हुए भी अयोग्यों को गलत तरीके से लाभ पहुंचा रहे थे। अदालत ने अभियोजन के तर्कों को माना और दोनों ही आरोपियों को जमानत देने से इंकार कर दिया।
आपको बता दें कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने कुल 42 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से 21 जमानत पा चुके हैं।
इधर, सोमवार को ही तीन अन्य आरोपी विकास कुमार, मनोज जोशी और संजीव चौहान ने भी जमानत प्रार्थनापत्र कोर्ट में प्रस्तुत किए थे। इन आरोपियों की जमानत कोर्ट ने मंजूर कर ली है। आरोपियों को जमानत के लिए एक-एक लाख रुपये के व्यक्तिगत बंधपत्र और दो-दो जमानती प्रस्तुत करने होंगे। साथ ही देश छोड़ने पर प्रतिबंध रहेगा।
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