महंगाई, घटते रोजगार के मौके और आर्थिक सुस्ती के बीच सरकार के लिए एक और बुरी खबर आई है। साल की शुरुआत में 7.5 फीसदी से अधिक दर से भारत की तरक्की के अनुमान को कम करके आंका जा रहा है। दुनिया भर की बड़ी फाइनेंशियल संस्थाएं मौजूदा परिस्थिति के मद्देनजर भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को अब घटा रही हैं। इसमें सबसे ताजा एंट्री अमेरिका की ब्रोकरेज कंपनी गोल्डमैन सैक्स की हुई है। गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में भारत की तरक्की के अनुमान को घटाकर 6 प्रतिशत से भी कम कर दिया है।
गोल्डमैन सैक्स का अनुमान
अमेरिकी फर्म गोल्डमैन सैक्स ने भारत की तरक्की के अनुमान में अचानक बड़ी कटौती कर दी है। आगामी दो तिमाहियों में आर्थिक माहौल को देखते हुए संस्था ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर के 2023 में 5.9 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया है। इससे पहले साल की शुरुआत में गोल्डमैन सैक्स ने 6.9 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान व्यक्त किया था। इस प्रकार बीते 6 महीनों में ही गोल्डमैन सैक्स के अनुमान में पूरे 1 प्रतिशत की कमी आई है। जबकि वर्ष 2022 के लिए यह अनुमान 6.9 प्रतिशत का है।
बाजार में आएंगे अच्छे दिन
गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने भले ही भारत की तरक्की के अनुमान घटा दिए हों, लेकिन शेयर बाजार में भारी तेजी का अनुमान जताया है। संस्था ने यह भी कहा कि करीब 1 साल में यानि दिसंबर 2023 तक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 20,500 अंक के स्तर तक पहुंच सकता है। इससे निवेशकों को 12 प्रतिशत तक का रिटर्न मिल सकता है। ब्रोकरेज कंपनी ने हालांकि बीएसई सेंसेक्स कोई लक्ष्य नहीं दिया है।
2023 के पहले 6 महीने चुनौतीपूर्ण
ब्रोकरेज के अनुसार, आर्थिक वृद्धि दो हिस्सों में बंट सकती है। वर्ष 2023 में पहली छमाही में आर्थिक वृद्धि धीमी रह सकती है। वहीं, दूसरी छमाही में निवेश बढ़ने, वैश्विक बाजारों में सुधार से आर्थिक वृद्धि में फिर से तेजी आने की संभावना है।
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