उत्तराखंड में तापमान कम होने के बाजवूद भी पिछले कई दिनों से जंगलों में आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं। जिससे कई हेक्टेयर जंगल जलने से प्रभावित हुए हैं।

राज्य के कुमाऊं और गढ़वाल मंडल के कई जंगलों में काफी दिन से तापमान कम होने के बावजूद भी आग लगी हुई है। हैरानी वाली बात है कि सर्दी का मौसम होने के चलते धूप भी तेज नहीं है और तापमान भी कम हैं फिर भी प्रदेश में आग की कईं घटनाएं हो रही है। बताया जा रहा है कि एक नवंबर से अब तक आग की पांच से ज्यादा घटनाएं घट चुकी हैं। इन आग की घटनाओं को लेकर फॉरेस्ट सर्वे आफ इंडिया ने फायर अलर्ट शुरू किया है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि वन विभाग आग को लेकर बेखबर है, उसने अब तक आग से निपटने के लिए कोई तैयारी नहीं की है। वन मुख्यालय के फायर कंट्रोल रूम तक को आग लगने की सूचना नहीं दी गई। एफएसआई के अलर्ट के बाद मुख्यालय ने सभी डिवीजनों को अलर्ट कर दिया है।

जानकारी के अनुसार एक नवंबर से अब तक कुमाऊं मंडल में पांच से ज्यादा आग की घटनाएं हो चुकी हैं। जिस पर एफएसआई ने वन अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है। एफएसआई की माने तो नैनीताल जिले में एक घटना में आग करीब दस हेक्टेयर तक फेली हुई थी। जबकि एक अन्य घटना में लगभग चार हेक्टेयर में आग लगी हुई थी। जबकि कुछ घटनाएं उधमसिंहनगर जिले के जंगलों में भी हुई हैं।

forest-fireआग लगने की प्रमुख घटनाएं में तराई पश्चिमी वन प्रभाग के आमपोखरा रेंज में आमपोखरा बीट, तराई पश्चिमी वन प्रभाग के रामनगर रेंज के नॉर्थ आमपानी बीट, तराई पूर्वी वन प्रभाग के सुरई रेंज के सरपुडा बीट, तराई पूर्वी वन प्रभाग के सुरई रेंज के सरपुडा बीट में आग लगी। जबकि गढ़वाल मंडल में भी कुछ वन प्रभागों में आग की सूचनाएं मिली हैं। ऐसा माना जा रहा है कि जंगल की आग से लगभग 40 हेक्टेयर प्रभावित हुए हैं।

सीसीएफ फॉरेस्ट फायर निशांत वर्मा अनुसार एफएसआई ने एक नवंबर से फायर अलर्ट शुरू कर दिए हैं। जिससे फॉरेस्ट फायर के अलर्ट लगातार एफएसआई से मिल रहे हैं। वहीं संबंधित डीएफओ से इसकी जानकारी भी मांगी जा रही है। कुछ जगह पर जंगल में आग के बजाए आसपास के खेतों में पुराली जलाने की जानकारी मिली है, जो एफएसआई ने फॉरेस्ट फायर दिखाया है। फायर और पुराली जलाने को लेकर सभी डिवीजनों को अलर्ट कर दिया गया है।

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