उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री के निजी सचिव के जरिए मंत्री के फर्जी दस्तखत कर एक अधिकारी को प्रमोशन देने का मामला सामने आया है। खुलासा होने के बाद निजी सचिव और अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

दरअसल मामला राज्य के लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज से जुड़ा है। सतपाल महाराज के पास मई में अयाज अहमद को विभागाध्यक्ष बनाने की फाइल मंत्रालय में आई। मंत्री सतपाल महाराज की ओर से आवेदन स्वीकृति होने की स्थिति में फाइल को अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री को भेजी जानी थी।

ये फाइल आई ही थी कि इसी बीच मंत्री विदेश दौरे पर निकल गए। इधर अयाज अहमद का आवेदन लंबित हो गया। मंत्री जी 14 मई को लौटे और आराम करने के लिए म्यूनिसिपल रोड स्थित अपने आवास पर चले गए। इसके अगले दिन रविवार था और मंत्री जी घर पर ही थे।

इसी बीच बताया जा रहा है कि मंत्री सतपाल महाराज के निजी सचिव आईपी सिंह मंत्री जी के घर पहुंचे और उन्होंने मंत्री से पूछे बिना अयाज अहमद के ऑनलाइन प्रस्ताव पर मंत्री के फर्जी हस्ताक्षर कर दिए। यही नहीं उन्होंने इस पर अनुमोदित भी लिख दिया। इसके बाद फाइल पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव के पास भेज दी।

शासन में इस अनुमोदन के आधार पर फाइल मुख्यमंत्री के पास भेज दी गई और अयाज अहमद को पीडब्ल्यूडी का चीफ बना दिया गया।

बाद में जब इस बात का पता मंत्री जी को चला तो जांच शुरु हुई। गुपचुप चली लंबी जांच के बाद मामला साफ होने लगा। ऐसे में मंत्री के लोकसंपर्क अधिकारी ने डालनवाला थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

लंबी जांच के बाद डालनवाला कोतवाली में दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। विभागाध्यक्ष अयाज अहम के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की गई है।

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