अंकिता भंडारी हत्याकांड में आरोपियों को शासकीय अधिवक्ता दिए जाने और अधिवक्ता द्वारा नार्को और पॉलीग्राफी टेस्ट के विरूद्ध पैरवी करने पर अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने आपत्ति जताई है। वीरेंद्र भंडारी ने डीएम पौड़ी के माध्यम से सीएम पुष्कर सिंह धामी को एक पत्र भेजा है।
उन्होंने सीएम धामी से मांग की है कि अंकिता भंडारी हत्याकांड के तीनों आरोपियों की तरफ से पॉलीग्राफी टेस्ट और नार्को टेस्ट के खिलाफ कोर्ट में पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता अमित सजवान पर अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाए।
वीरेंद्र भंडारी का कहना है कि शासकीय अधिवक्ता की जरूरत उन्हें थी, लेकिन इस केस में उनकी बजाए आरोपियों को शासकीय अधिवक्ता उपलब्ध कराए गए हैं। आरोपी पुलकित सौरभ और अंकित की तरफ से कोटद्वार ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट भावना पाण्डेय की अदालत में कोटद्वार एसडीएम कोर्ट में नियुक्त सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (राजस्व) अमित सजवाण द्वारा अंकिता हत्याकांड के तीनों आरोपियों की तरफ से वकालतनामा दाखिल किया गया है।
अधिवक्ता द्वारा आरोपियों के नार्को और पॉलीग्राफी टेस्ट के खिलाफ पैरवी की जा रही है। पूर्व में इनके ही जूनियर जितेंद्र रावत, जो कि रिमांड अधिवक्ता हैं, उन्होंने आरोपियों की बेल एप्लीकेशन कोर्ट में दाखिल की थी। ऐसे में दोनों ही वकीलों पर कार्यवाही करने के लिए वीरेंद्र भंडारी ने सीएम को पत्र लिखा है।
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