उत्तराखंड में दरोगा भर्ती परीक्षा में धांधली सामने आने के बाद अब तक पुलिस मुख्यालय ने 20 दरोगाओं को सस्पेंड कर दिया है तो वहीं तकरीन तीन दर्जन के करीब ऐसे दरोगा हैं जो रडार पर हैं और उनकी जांच हो रही है।
फिलहाल हर कोई ये जानना चाहता है कि आखिर ये मामला खुला कैसे? जांच एजेंसियों को कैसे इनपुट मिला और उसे क्रास चेक कैसे किया गया?
UKSSSC पेपर लीक की जांच के दौरान मिला इनपुट
दरअसल UKSSSC पेपर लीक मामले की जांच कर रही एसटीएफ जब पंतनगर विश्वविद्यालय तक पहुंची तो उसके हाथ लगा दिनेश। हाकम सिंह गैंग का ये खास आदमी दिनेश चंद्र ही वो कड़ी था जिसने एसटीएफ को सबसे पहले इस बारे में जानकारी दी।
एसटीएफ ने जब कड़ाई से पूछताछ की तो पता चला कि 2015 में हुई दरोगा भर्ती परीक्षा में जमकर धांधली हुई है। धीरे धीरे करके दिनेश ने दरोगाओं के नाम सामने लाने शुरु किए। सबसे पहले पांच दरोगाओं के नाम सामने आए। एसटीएफ ने गुपचुप तरीके से इन पांच दरोगाओं को पकड़ा और पूछताछ की। तस्वीर साफ होने लगी। परतें खुलने लगी थीं। इन्ही पांच ने 15 और दरोगाओं के नाम उगल दिए। ये सब जानकर एसटीएफ हैरान रह गई।
अब चूंकि मामला पुलिस डिपार्टमेंट का था और एसटीएफ उसी की एक विंग है लिहाजा एसटीएफ से हटाकर जांच विजिलेंस को दे दी गई।
मां बाप के खातों ने शक पुख्ता किया
दरअसल एसटीएफ और विजिलेंस की पूछताछ में 20 दरोगाओं के नाम सामने आ चुके थे जिनके फर्जी तरीके से भर्ती होने का आरोप था। लेकिन सिर्फ आरोप से काम नहीं चलने वाला था। सबूत चाहिए थे। इसी बीच विजिलेंस ने इन आरोपी दरोगाओं के मां – बाप के बैंक अकाउंट्स की डिटेल्स निकलवानी शुरु की। पता चला कि दरोगा भर्ती की तारीख के आसपास कई खातों में से बड़ी रकम निकाली गई है।
यहीं से जांच एजेंसियों का शक दूर होने लगा। इसके बाद कई आरोपी दरोगाओं के दस्तावेजों की जांच भी करा ली गई। उनमें भी कमियां पाईं गई हैं।
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