जोशीमठ में एक बार फिर दरारें बढ़ने का सिलसिला शुरू हो गया है। जहां एक ओर जोशीमठ में आवासीय क्षेत्रों के साथ उच्च शिक्षा का एकमात्र केंद्र राजकीय महाविद्यालय जोशीमठ के भवन में भी लगातार भूधंसाव हो रहा है। तो वहीं दूसरी ओर शुक्रवार दोपहर को मारवाड़ी तिराहे के पास तीन फीट गहरा गड्ढा बन गया है। राजकीय महाविद्यालय जोशीमठ भी लगातार भू-धंसाव की चपेट में है। यहां हाईवे भी लगातार धंस रहा है।
जोशीमठ में फिर बढ़ने लगी दरारें
जोशीमठ में एक बार फिर दरारें बढ़ने का सिलसिला शुरू हो गया है। जिससे एक बार फिर लोगों को डर सताने लगा है। जोशीमठ में जगह-जगह दरारें बढ़ने के कारण हाईवे भी लगातार धंस रहा है। इकसे साथ ही उच्च शिक्षा का एकमात्र केंद्र राजकीय महाविद्यालय जोशीमठ भी भू-धंसाव की जद में है।
बढ़ती दरारों ने फिर से लोगों की चिताएं बढ़ा दी हैं। शुक्रवार को मारवाड़ी तिराहे के पास तीन फीट गहरा गड्ढा बन गया है। जिससे सीवर का पानी भी गड्ढे से होकर बह रहा है। इस गड्ढे के कारण व्यापारी भयभीत हैं।
विस्थापन को लेकर जवाब देने लगा आपदा प्रभावितों का सब्र
जोशीमठ में आपदा को एक महीने से ज्यादा हो गया है। लेकिन आपदा प्रभावितों के विस्थापन पर अब भी कोई फाइनल फैसला नहीं हो पाया है। हालांकि सरकार ने विस्थापन के लिए जगहें चिन्हित कर ली हैं लेकिन पीपलकोटी में इसका विरोध हो रहा है। फिलहाल सरकार अंतिम रिपोर्ट आने का इंतजार कर रही है। उसके बाद ही विस्थापन की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा।
जोशीमठ में आपदा प्रभावितों को मुआवजा देने का पैमाना की भी घोषणा कर दी गई है। लेकिन विस्थापन को लेकर आपदा प्रभावितों का सब्र जवाब देने लगा है। शुक्रवार को सिंहधार में आपदा प्रभावितों को राहत सामग्री वितरित करने पहुंचे प्रशासन के दो वाहनों को महिलाओं ने रोक दिया और कर्मचारियों को खरी-खोटी सुनाई।
राहत सामग्री लेकर पहुंचे वाहनों को आपदा प्रभावितों ने लौटाया
जोशीमठ में आपदा प्रभावितों के सब्र का बांध अब टूट चुका है। लोगों में प्रशासन के खिलाफ गुस्सा नजर आ रहा है। शुक्रवार को सिंहधार में आपदा प्रभावितों के लिए प्रशासन के दो वाहन राहत सामग्री वितरित करने पहुंचे थे। लेकिन महिलाओं ने इन वाहनों को रास्ते में ही रोक दिया।
आपदा प्रभावितों ने कहा कि राहत सामग्री नहीं बल्कि विस्थापन चाहिए
आपदा प्रभावित महिलाओं ने इन वाहनों को वापस लौटा दिया। इसके साथ ही कर्मचारियों को खरी-खोटी सुनाई। महिलाओं ने कहा कि हमें राहत सामग्री नहीं, बल्कि विस्थापन चाहिए। आपदा प्रभावितों के आक्रोश देखकर कर्मचारी राहत सामग्री बांटे बगैर ही वापस लौट गए। इस घटना के इंटरनेट पर की विडियो भी प्रसारित हो रहे हैं।
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