भारत में H3N2 वायरस फैल रहा है। भारत में अब तक इस वायरस से दो मौतें हो चुकी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक H3N2 वायरस के भारत में 90 से भी ज्यादा एक्टिव केस हैं। लोगों को इस समय बदलते मौसम की वजह से खांसी, जुखाम, बुखार और उल्टी जैसी समस्याएं हो रही हैं।
इस वायरस के भी लगभग ऐसे ही लक्षण हैं। ऐसे में एच3एन2 वायरस के लक्षणों को जानना और भी जरुरी हो जाता है। आइए जानते हैं वह कौन-कौन से लक्षण हैं जो एच3एन2 वायरस की पुष्टि करते हैं। इसके साथ ही जानते हैं कि किन उपायों से आप एच3एन2 वायरस के संक्रमण से बच सकते हैं।
क्या है एच3एन2 वायरस ?
एच3एन2 एक इन्फ्लूएंजा वायरस है। इस वायरस को हॉन्गकॉन्ग फ्लू के नाम से भी जाना जाता है। यह वायरस इन्फेलूएंजा-ए का सबटाइप है। यह एक ऐसा वायरस है जो जानलेवा साबित हो सकता है। यह इंसानों के साथ साथ पक्षियों और जानवरों को भी फैल सकता है। एच3एन2 वायरस का संक्रमण एक से दूसरे में फैलता है।
H3N2 वायरस के लक्षण
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के मुताबिक इन्फ्लूएंजा वायरस व्यक्ति में हल्के से लेकर गंभीर दोनों लक्षण पैदा कर सकता है। एवियन, स्वाइन और दूसरे इन्फ्लूएंजा वायरस से हल्का बुखार, सर्दी, निमोनिया, उल्टी जैसे लक्षण इंसान को हो सकते है। इसके साथ ही किसी केस में मनुष्य की मौत भी हो सकती है।
एच3एन2 वायरस के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार है :-
- खांसी
2. तेज बुखार
3. जुकाम
4. कंपकपी आना
5. उल्टी
6. गले में दर्द
7. शरीर में दर्द
8. साँस लेने में दिक्कत
9. सीने में दर्द
साँस लेने में दिक्कत या फिर बुखार का ना उतरना यह सब गंभीर लक्षण है। अगर ऐसे लक्षण आपको महसूस हो रहे हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
एच3एन2 के संक्रमण को कैसे रोकें ?
एच3एन2 से सक्रंमित होने से रोकने के लिए डॉक्टर्स ने कई उपाय बताएं है। इनमें से ज्यादातर उपाय कोरोना के दौरान अपनाएं जाने वाले उपाय ही है। इंडियन कॉउन्सिल ऑफ़ मेडिकल(ICM) रिसर्च ने एच3एन२ से बचने के लिए इन चीज़ों को अपनाने के लिए कहा है।
मास्क पहने, साबुन से हाथ धोएं, भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें, खूब पानी पीएं। इसके साथ ही डॉक्टर्स का कहना है कि बुखार और बदनदर्द होने पर पैरासिटामॉल लें। इसके साथ ही डॉक्टर्स ने बताया है कि एच3एन2 से सक्रंमित होने पर क्या ना करें।
एच3एन2 से सक्रंमित होने पर या लक्षण दिखने पर किसी से हाथ मिलाना या शारीरिक संपर्क न करें। सार्वजानिक जगहों पर न थूकें। डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवाई न लें।
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