होली का त्यौहार रगों का त्यौहार होता है। होली हमारे देश मे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। होली भारतवर्ष में नहीं बल्कि बाहर के देशों में भी मनाया जाने वाला एक पर्व है जिसको लेकर देश-विदेश से लोग होली मनाने भारत आते हैं।
मथुरा वृंदावन जैसी जगहों पर फूलों की होली खेली जाती है तो वहीं कई जगह रंगों के साथ होली खेलने का प्रचलन है। होली के मौके पर लोग एक दूसरे को रंग लगाकर साथ में जश्न मानते है। कुछ रंगों से कई बार त्वचा में इंफेक्शन और एलर्जी जैसी बीमारियां भी हो जाती है और आंखों की एलर्जी होना भी देखा जाता है।
होली के दौरान हो सकते हैं कई तरह के चर्म रोग
होली के दौरान कई चर्म रोग हो जाते हैं। जिनको लेकर लोग काफी परेशान हो जाते हैं। होली के दौरान होने वाले चर्म रोगों को लेकर देहरादून की सहायक प्रोफेसर भव्या संगल का कहना है कि होली के दौरान कई तरह के चर्म रोग देखने को मिलते हैं। इनमें जो केमिकल वाले रंग होते हैं उनसे त्वचा रोग का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।
होली का त्यौहार आते ही बाजारों में जहां एक और चहल-पहल और हर्षोल्लास नजर आता है। तो वहीं होली में खेले गए रंगों से कई बिमारियां और त्वचा संबंधी रोग भी देखने को मिलते हैं। आइए जानते है की इस होली कैसे आप अपनी त्वचा को केमिकल युक्त रंगों से बचा सकते हो।
इस बार ऐसे मनाएं सेफ होली
होली पर हर कोई सेफ होली मनाना चाहता है। कुछ ऐसे आसान उपाय हैं जिनसे आप अपनी त्वाचा को हानिकारक रंगों से बचा सकते हैं। आप सरसों के तेल के इस्तेमाल से अपनी त्वचा का बचाव कर सकते हैं। इसके साथ ही अपनी आंखों का बचाव के लिए आप सनग्लासेस पहन सकते हैं। रंगों से आपकी स्किन को कोई नुकसान ना हो इसलिए हमेशा ऑर्गेनिक या हर्बल रंगों का प्रयोग करें।
त्वचा पर रगड़ें सरसों का तेल
होली खेलने से पहले जरुरी है की आप अपने शरीर में सरसों या नारियल का तेल लगाएं। चर्म रोग विभाग की डॉक्टर भव्या संगल के मुताबिक होली खेलने से पहले अपने बालों में और खुली त्वचा पर नारियल का तेल का इस्तेमाल करें। इसके साथ हू त्वचा पर आप सनस्क्रीन का प्रयोग भी कर सकते हैं।
होली खेलने के बाद तुरंत रंगों को अपनी त्वचा से साफ करें। हो सके तो केमिकल वाले रंगों से दूर ही रहें। शरीर में तेल लगाने से होली के रंग आसानी से छूट जाएंगे। साथ ही तेल त्वचा और बालों को नुकसान पहुंचने से भी बचाएगा।
सनग्लासेस पहन करें आंखों का बचाव
होली के समय आँखों के प्रति विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। हमारी आँखें बहुत सेंसिटिव होती है। जिसकी वजह से उनके लिए ज्यादा सावधानी बरतने की जरुरत होती है। बाजार में केमिकल युक्त रंग मिलते हैं जो आखों को नुकसान पंहुचा सकते है।
रंगों से आँखों का लाल होना, जलन और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती है। होली में पानी वाले गुब्बारों से भी सावधानी बरतनी चाहिए। इसलिए आँखों को होली के रंगों से बचाने के लिए आप सनग्लासेस पहन सकते हैं।
ऑर्गेनिक या हर्बल रंगों का ही करें प्रयोग
केमिकल युक्त रंग आपकी स्किन और आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए केमिकल युक्त रंगों की बजाए जितना हो सके ऑर्गेनिक या हर्बल रंगों का प्रयोग करें। आर्गेनिक रंग त्वचा के लिए भी अच्छे होते हैं। इनसे इन्फेक्शन का खतरा भी कम होता है। होली के दौरान कई बार बाजारों में केमिकल वाले रंग ज्यादा देखने को मिलते हैं।
मगर आजकल दुकानदार काफी समझदारी दिखाते हुए हर्बल और ऑर्गेनिक रंगों को ही बेचना पसंद कर रहे हैं। वह भी जानते है की साल में एक बार त्यौहार आता है और अगर अच्छे क्वालिटी के रंग बेचे जाएंगे तो उनका किसी बच्चे या फिर बूढ़े की स्किन पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा और त्यौहार सभी अच्छे से मना पाएंगे। बाजारों में भी दुकानों पर दुकानदार हर्बल और ऑर्गेनिक कलर को ज्यादा बढ़ावा दे रहे हैं।
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