सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट में युवाओं का रुझान बढ़ाने के लिए सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट पर सरकार ने सब्सिडी बढ़ा दी है। इसके साथ ही गाइडलाइन में भी संशोधन किया गया है।

सरकार ने सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट पर बढ़ाई सब्सिडी

सरकार ने सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट पर सब्सिडी को बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत पहले 25 से 30 प्रतिशत सब्सिडी मिलती थी। लेकिन युवाओं में सब्सिडी मिलने पर भी कुछ ज्यादा जोश नहीं दिखा। जिसकी वजह से प्रदेश में केवल 120 प्रोजेक्ट्स ही लगे।

इसको देखते हुए सरकार ने इस पर सब्सिडी को बढ़ा दिया है। आपको बता दें की इस योजना के मुताबिक 20 से 25 किलोवाट तक के प्रोजेक्ट लगाने की अनुमति थी। इस योजना के लिए सरकार ने 10 ,000 सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट लगाने का उद्देश्य रखा था।

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार से हुई थी योजना की शुरूआत

मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना की शुरुआत त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार से हुई थी। इस योजना के तहत बेरोजगार युवाओं, किसानों और मजदूरों को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में रोजगार प्रदान करने के लिए शुरू किया गया था।

सौर स्वरोजगार योजना से युवाओं को लुभाने के लिए इस योजना में कुछ बदलाव किये गए हैं। इन बदलावों में कैबिनेट ने भी अब मुहर लगा दी है।

सरकार ने किए योजना में ये बदलाव

सरकार ने युवाओं को सोलर प्रोजेक्ट की तरफ आकषित करने के लिए सौर स्वरोजगार में कई बदलाव किये हैं। इन बदलावों के तहत पहले जहां 20 से 25 किलोवाट तक के ही प्रोजेक्ट लगा सकते थे, अब उससे बढ़कर इसकी सीमा 200 किलोवाट कर दी गई है। वहीं सब्सिडी में भी बदलाव किए गए हैं।

अब सरकार की तरफ से सब्सिडी 15 से 40 प्रतिशत के बीच मिलेगी। इसके साथ ही सरकार ने युवाओं को सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट में दिलचस्पी बढ़ाने के लिए प्रोजेक्ट में लगने वाली लागत को भी बढ़ा दिया है। पहले लागत की दर 40 ,000 रूपए प्रति किलोवाट थी। अब यह बढ़कर 50 ,000 प्रति किलो वाट कर दी गई है।

सौर स्वरोजयार योजना में ये बदलाव कर अनुमान लगाया जा रहा है की इससे युवाओं का सोलर प्रोजेक्ट की तरफ झुकाव बढ़ेगा। प्रदेश में सौर ऊर्जा के प्रोजेक्ट की संख्या बढ़ेगी।





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