उत्तराखंड बजट सत्र का आज तीसरा दिन है। बजट सत्र में वित्त मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल सदन में बजट पेश कर रहे हैं। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल आज करीब 79 हजार करोड़ का बजट पेश करेंगे। वित्त मंत्री के मुताबिक सरकार का यह बजट 2025 में उत्तराखंड को देश का अग्रणीय राज्य बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा। वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि बजट हर वर्ग को प्रोत्साहित करने वाला है। पढ़िए बजट का हर अपडेट……
वित्त मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल सदन में पढ़ रहे हैं बजट भाषण
- वित्त मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल सदन में बजट भाषण पढ़ रहे हैं। वित्त मंत्री ने 76 हजार 592 करोड़ 54 लाख का बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने कहा है कि उनकी सरकार ने सशक्त उत्तराखंड का संकल्प लिया है। प्रदेश में इको सिस्टम हो रहा तैयार किया जा रहै है।
- माध्यमिक शिक्षा में उत्कृष्ट क्लस्टर विद्यालय हेतु रू. इक्यावन करोड़ (रू. 51.00 करोड़) का प्रावधान किया गया है।
- न्यू एजुकेशन पॉलिसी के अन्तर्गत पी. एम. श्री योजना हेतु लगभग 92 करोड़ अठहत्तर लाख (रू. 92.78 करोड़) का प्रावधान किया गया है।
- उच्च शिक्षा हेतु शैक्षिक कार्यक्रमों के अन्तर्गत छात्रवृत्ति हेतु रू. दस करोड़ (रू. 10.00 करोड़) का प्रावधान किया गया है।
- उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ की स्थापना हेतु रू. दो करोड़ (रू. 2.00 करोड़) का प्रावधान किया गया है।
- उद्यमिता, कौशल एवं नवाचार को बढ़ावा हेतु रू. सात करोड़ ग्यारह लाख (रू. 7.11 करोड़) का प्रावधान किया गया है।
- राज्य योग्यता छात्रवृत्ति हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में रू. पांच करोड़ का प्रावधान किया गया है।
- बालिकाओं की शिक्षा प्रोत्साहन (साईकिल) योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में रू. पन्द्रह करोड़ (रू. 15.00 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है।
- अनुसूचित जाति के दशमोत्तर कक्षाओं के छात्रों की छात्रवृत्ति हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में रू. पच्चीस करोड़ बासठ लाख (रू. 25.62 करोड़) का बजट प्रावधान किया गया है।
- अनुसूचित जाति पूर्व दशम कक्षा 9 से 10 की छात्रवृत्ति हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में रू. ग्यारह करोड़ उनहत्तर लाख (रू. 11.69 करोड़) के बजट प्रावधान किया गया है ।
- अनुसूचित जातियों के व्यक्तियों के लिए विभिन्न सेवाओं हेतु पूर्व परीक्षा प्रशिक्षण योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में रू. आठ करोड़ (रू. 8.00 करोड़) का बजट प्रावधान किया गया है।
- बजट में पिछड़ी जातियों के पूर्व दशम् कक्षाओं में अध्ययनरत छात्रों को निर्धनता के पर छात्रवृत्ति हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में रू. तीन करोड़ नब्बे लाख (रू. 3.90 करोड़) का बजट प्रावधान किया गया है।
- अन्य पिछड़ी जाति के दशमोत्तर कक्षाओं के छात्रों के छात्रवृत्ति सहायता हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में रू. ग्यारह करोड़ नौ लाख (रू. 11.09 करोड़) का बजट प्रावधान किया गया है।
- एन.सी.सी. कैडट्स हेतु मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में पचास हजार रूपए (रू. 50.00 हजार) का बजट प्रावधान किया गया है।
- अल्पसंख्यक छात्रों के लिए स्नातक एवं मेरिट कम मीन्स आधारित छात्रवृत्ति हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में रू. इक्कीस लाख छिहत्तर हजार (रू. 21.76 लाख) का बजट प्रावधान किया गया है।
- अल्पसंख्यक वर्ग के पूर्वदशम छात्रवृत्ति हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में रू. उनचास लाख नब्बे हजार (रू. 49.90 लाख) का बजट प्रावधान किया गया है।
- अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों की शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में रू. छ. करोड़ दस लाख (रू. 6.10 करोड़) का बजट प्रावधान किया गया है ।
- देश की सर्वोच्च सेवाओं में युवा शक्ति को अवसर प्रदान करने के लिए हमारी सरकार संघ लोक सेवा आयोग, एन.डी.ए. सी.डी.एस एवं उसके समकक्ष लिखित परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी को साक्षात्कार की तैयारी के लिये 50 हजार रुपए की वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रही है।
- विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रमों हेतु विज्ञान प्रौद्योगिकी का प्रयोग प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में उत्तराखण्ड अन्तरिक्ष उपयोग केन्द्र, उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र, उत्तराखण्ड जैव प्रौद्योगिकी परिषद आदि संस्थाएं उल्लेखनीय हैं। इस बजट में इन संस्थाओं हेतु समुचित प्रावधान किये जा रहे हैं।
युवाओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है बजट
बजट में युवा शिक्षण व प्रशिक्षण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता हमें निरन्तर युवा शक्ति को केन्द्र में रखकर प्रदेश का विकास करने की प्रेरणा देती है। युवा रोजगार चाहता है। इस हेतु हमने विभिन्न क्षेत्रों यथा कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य पालन, डेयरी, उद्योग, मध्यम व लघु उद्योग, पर्यटन, ऊर्जा, ग्राम्य विकास आदि में विविध बजटीय प्रावधान किये है तथा समग्र रूप से एक उम्मीदों से परिपूर्ण परिवेश बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जो युवा शक्ति को निरन्तर प्रेरित करेगा।
- उत्तराखण्ड वर्क फोर्स डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में समग्र रूप से रू. एक सौ करोड़ (रू.100.00 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है।
- मुख्यमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में रू. चौदह करोड़ (रू. 14.00 करोड़) का बजट प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में रू. चालीस करोड़ (रू. 40.00 करोड़) का बजट प्रावधान किया गया है।
- शिक्षा हमारा धर्म है। समुचित शिक्षण और प्रशिक्षण ही वह केन्द्रीय बिन्दु है जो हमारे युवा को अवसर की उपलब्धता करायेगा, प्रेरित रखेगा और स्वावलम्बन का स्वस्थ परिवेश निर्मित होगा।
- शिशु अवस्था में पोषण से लेकर कोचिंग और प्रशिक्षण तक के प्रावधान इस बजट में हैं। हमारी सरकार द्वारा माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत शिक्षण अधिगम को अनुकूल वातावरण प्रदान करने के उद्देश्य से राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को उत्कृष्ट क्लस्टर विद्यालय के रूप में विकसित करने की कार्यवाही गतिमान है। इसके अन्तर्गत स्मार्ट क्लास, कम्प्यूटर एवं सहवर्ती उपकरण के साथ-साथ खेल सुविधाओं आदि का प्रावधान किये जाने की योजना है। इस बजट में नई मांग “उत्कृष्ट क्लस्टर विद्यालय” हेतु रू. इक्यावन करोड़ (रू. 51.00 करोड़) का प्रावधान किये जा रहे हैं।
- समग्र शिक्षा योजना अन्तर्गत रू. आठ सौ तेरह करोड़ तिरासी लाख (रू. 813.83 करोड़) का प्रावधान किया गया है।
- बजट में अपवंचित वर्ग के बच्चों को प्रदेश के निजी विद्यालयों में अध्ययन हेतु शिक्षा का अधिकार के तहत समग्र रूप से रू. एक सौ उनहत्तर करोड़ चार लाख (रू. 169.04) प्रावधान किया गया है। इससे लगभग 1 लाख बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं।
- प्रदेश के राजकीय प्राइमरी विद्यालयों में चरणबद्ध रूप से फर्नीचर उपलब्ध कराने हेतु वर्तमान वर्ष में प्रावधान किया गया है। इस क्रम में आगामी वर्ष हेतु रू. छ: करोड़ (रू.6.00 करोड़) बजट प्रावधान किया गया है।
- शिक्षा विभाग के तत्वावधान में प्रदेश के राजकीय एवं सहायता प्राप्त अशासकीय शिक्षण संस्थानों के कक्षा 9वीं से 12वी के सामान्य एवं पिछड़ी जाति के विद्यार्थियों निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराने हेतु रू. पच्चीस करोड़ (रू. 25.00 करोड़) अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराने हेतु रू. दस करोड़ (रू. 10.00 करोड़) तथा अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराने हेतु लगभग रू. एक करोड़ चौबीस लाख (रू. 1.24 करोड़) का प्रावधान किया गया है।
- माध्यमिक विद्यालयों एवं छात्रावासों के निर्माण हेतु नाबार्ड से पूंजीगत मद में रू. पैंतालीस करोड़ (रू. 45.00 करोड़) बजट प्रावधान किया गया है।
उच्च शिक्षा को सुदृढ़ करने का सरकार का है निश्चय
हमारी सरकार ने उच्च शिक्षा को सुदृढ़ करने का निश्चय किया है इस हेतु एक ओर अवसंरचना के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है वहीं दूसरी ओर आधुनिकीकरण, डिजीटाइजेशन के साथ-साथ मेधावी छात्रों को प्रोत्साहन देने की योजना बनाई है। राजकीय महाविद्यालयों में अध्ययनरत मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कैरियर बनाने हेतु मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करने हेतु बजट में प्रावधान किया गया है।
- बजट में अन्तर्गत संचालित “एडुसैट” कार्यालय को “आई.सी.टी. सैल में उच्चीकृत किया जा रहा है।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के प्रावधान के अनुसार प्रत्येक उच्च शिक्षण संस्थान को “नैक प्रत्यायित” (NAAC एक्रेडिशन) करने के लिए हम प्रयासरत हैं।
- समस्त राजकीय महाविद्यालयों में 4जी/5जी इन्टरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने का लक्ष्य है तथा अशासकीय महाविद्यालयों हेतु भी एम.आई.एस. पोर्टल का विस्तार किया जायेगा।
- शासकीय महाविद्यालयों की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाये जाने हेतु लोक सेवा आयोग के माध्यम से नियुक्ति की व्यवस्था करने की प्रक्रिया गतिमान है।
- रोजगार व तकनीकी शिक्षा का सीधा सम्बन्ध है। अतः तकनीकी शिक्षा को सुदृढ़ किये जाने के लिए हमने कमर कस ली है। इसी क्रम में तकनीकी शिक्षा हेतु हमने कुछ प्राथमिकताएं चिन्हित की हैं।
- प्रदेश में संचालित राजकीय पॉलिटेक्निक एवं इंजीनियरिंग संस्थानों में नियामक संस्थाओं के मानकों के अनुसार अवस्थापना सुविधाओं से संतृप्त करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है,
- एक ही छत के नीचे प्रदेश के युवाओं को डिप्लोमा के साथ-साथ इंजीनियरिंग स्नातक एवं मास्टर डिग्री के अवसर प्रदान करने हेतु राजकीय पॉलीटेक्निक नरेन्द्रनगर में इंटीग्रेटेड टैक्निकल इंस्टीट्यूट का संचालन प्रारम्भ करने की कार्यवाही गतिमान है, एवं
- उद्योगों की मांग के अनुसार आगामी वर्ष में नई प्रौद्योगिकीयों यथा ऑटोमेशन एवं रोबोटिक्स, कन्सट्रक्सन ऑटोमेशन, क्लाउड कंम्प्यूटिंग एवं बिग डेटा, गेमिंग एवं एनिमेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स एवं मशीन लर्निंग आदि मे नये पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए प्रयासरत हैं।
बजट में महिला सशक्तिकरण के लिए किए गए हैं विशेष प्रवधान
- वित्त मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल ने कहा कि बजट में महिला सशक्तिकरण के पुनीत कार्य में हम भी यथाशक्ति हाथ बढ़ाना चाहतें है। हमने सरकारी सेवाओं में 30 प्रतिशत महिला आरक्षण को सुनिश्चित किया है तथा पोषण, शिक्षण, प्रशिक्षण का ध्यान रखते हुए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में गम्भीरता से प्रयास किये हैं।
- सक्षम आंगनबाड़ी एण्ड पोषण 2.0 के अन्तर्गत संचालित आई.सी.डी.एस. कार्यक्रम में प्रदेश की 33 हजार 415 आंगनबाड़ी कार्यकत्री, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री तथा आंगनबाड़ी सहायिका बहनें मातृ एवं शिशु कल्याण के पुनीत कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण भूमिका का कार्य निर्वहन कर रही हैं। हमारी सरकार उनकी इस महत्वपूर्ण भूमिका का सम्मान करती है। माह नवम्बर 2021 से राज्य सरकार द्वारा दिये जाने वाले आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों बहनों के मानदेय में अतिरिक्त रू0 1800 एवं मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री तथा आंगनबाड़ी सहायिकाओं बहनों के मानदेय में अतिरिक्त रू0 1500 की प्रतिमाह वृद्धि की गयी है।
- वृद्धि के उपरान्त आंगनबाड़ी कार्यकत्री बहनों को केन्द्र सरकार की ओर से दिये जा रहे रू. 4 हजार 500 के अतिरिक्त राज्य सरकार की ओर से रू. 4 हजार 800 की धनराशि दी जा रही है। इस प्रकार कुल रू. 9 हजार 300 का मानदेय प्रति आंगनबाड़ी कार्यकत्री बहनों को दिया जा रहा है। मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री बहनों को केन्द्र सरकार की ओर से दिये जा रहे रू. 3 हजार 500 के अतिरिक्त राज्य सरकार की ओर से रू. 2 हजार 750 की धनराशि दी जा रही है। इस प्रकार कुल रू. 6 हजार 250 का मानदेय प्रति मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री बहनों को दिया जा रहा है। आंगनबाड़ी सहायिका बहनों को केन्द्र सरकार की ओर से दिये जा रहे रू. 2 हजार 250 के अतिरिक्त राज्य सरकार की ओर से रू0 3 हजार की धनराशि दी जा रही है। इस प्रकार कुल रू. 5 हजार 250 का मानदेय प्रति आंगनबाड़ी सहायिका बहनों को दिया जा रहा है।
- सक्षम आंगनबाड़ी एण्ड पोषण 2.0 योजना के अन्तर्गत अनुपूरक पोषाहार कार्यक्रम संचालित किया जाता है। योजना के अन्तर्गत 06 माह से 06 वर्ष के कुल लगभग 8 लाख 47 हजार लाभार्थियों को अनुपूरक पोषाहार आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में योजना हेतु समग्र रूप
- बजट में महिला सशक्तिकरण के पुनीत कार्य में हम भी यथाशक्ति हाथ बढ़ाना चाहतें है। हमने सरकारी सेवाओं में 30 प्रतिशत महिला आरक्षण को सुनिश्चित किया है तथा पोषण, शिक्षण, प्रशिक्षण का ध्यान रखते हुए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में गम्भीरता से प्रयास किये हैं।
- सक्षम आंगनबाड़ी एण्ड पोषण 2.0 के अन्तर्गत संचालित आई.सी.डी.एस. कार्यक्रम में प्रदेश की 33 हजार 415 आंगनबाड़ी कार्यकत्री, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री तथा आंगनबाड़ी सहायिका बहनें मातृ एवं शिशु कल्याण के पुनीत कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण भूमिका का कार्य निर्वहन कर रही हैं। हमारी सरकार उनकी इस महत्वपूर्ण भूमिका का सम्मान करती है। माह नवम्बर 2021 से राज्य सरकार द्वारा दिये जाने वाले आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों बहनों के मानदेय में अतिरिक्त रू0 1800 एवं मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री तथा आंगनबाड़ी सहायिकाओं बहनों के मानदेय में अतिरिक्त रू0 1500 की प्रतिमाह वृद्धि की गयी है।
- इस वृद्धि के उपरान्त आंगनबाड़ी कार्यकत्री बहनों को केन्द्र सरकार की ओर से दिये जा रहे रू. 4 हजार 500 के अतिरिक्त राज्य सरकार की ओर से रू. 4 हजार 800 की धनराशि दी जा रही है। इस प्रकार कुल रू. 9 हजार 300 का मानदेय प्रति आंगनबाड़ी कार्यकत्री बहनों को दिया जा रहा है। मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री बहनों को केन्द्र सरकार की ओर से दिये जा रहे रू. 3 हजार 500 के अतिरिक्त राज्य सरकार की ओर से रू. 2 हजार 750 की धनराशि दी जा रही है। इस प्रकार कुल रू. 6 हजार 250 का मानदेय प्रति मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री बहनों को दिया जा रहा है। आंगनबाड़ी सहायिका बहनों को केन्द्र सरकार की ओर से दिये जा रहे रू. 2 हजार 250 के अतिरिक्त राज्य सरकार की ओर से रू0 3 हजार की धनराशि दी जा रही है। इस प्रकार कुल रू. 5 हजार 250 का मानदेय प्रति आंगनबाड़ी सहायिका बहनों को दिया जा रहा है।
- सक्षम आंगनबाड़ी एण्ड पोषण 2.0 योजना के अन्तर्गत अनुपूरक पोषाहार कार्यक्रम संचालित किया जाता है। योजना के अन्तर्गत 06 माह से 06 वर्ष के कुल लगभग 8 लाख 47 हजार लाभार्थियों को अनुपूरक पोषाहार आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है।
विभागवार बजट ग्राफिक्स
- आबकारी विभाग 81 करोड़ 26 लाख 1 हजार रुपए
- पुलिस एवं जेल 256 करोड़ 18 लाख 80 हजार 900
- शिक्षा खेल एवं युवा कल्याण तथा संस्कृति 10 हजार 459 करोड़ 55 लाख 30 हजार रुपए
- चिकित्सा एवं परिवार कल्याण 4 हजार 217 करोड़ 87 लाख 32 हजार रुपए
- जल आपूर्ति आवास एवं नगर विकास 2 हजार 525 करोड़ 69 लाख 11 हजार रुपए
- सूचना विभाग 140करोड़ 33 लाख 59 हजार रुपए
- कल्याण योजनाओं के लिए 2 हजार 850 करोड़ 24 लाख 51 हजार रुपए
- श्रम और रोजगार के लिए 552 करोड़ 86 लाख 51 हजार
- कृषि विभाग के लिए 1294 करोड़ 15 लाख 57 हजार रुपए
- सहकारिता विभाग के लिए 344 करोड 18लाख 24 हजार रुपए
- ग्राम्य विकास विभाग के लिए 3272 करोड़ 53 लाख 2 हजार रुपए
- सिंचाई एवं बाढ़ के लिए 1443 करोड़ 42 लाख 40 हजार रुपए
- ऊर्जा विभाग के लिए 1251 करोड़ 33 लाख 69 हजार रुपए मात्र
- लोक निर्माण विभाग के लिए 2791 करोड़ 83 लाख 10 हजार रुपए
- उद्योग विभाग के लिए 461 करोड़ 31 लाख 13 हजार रुपए
- परिवहन विभाग के लिए 453 करोड़ 72 लाख 26 हजार रुपए
- खाद्य विभाग के लिए 930 करोड़ 11 लाख 78 हजार रुपए
- पर्यटन विभाग के लिए 302 करोड़ 4लाख 76 हजार रुपए
- वन विभाग के लिए 1081 करोड़ 58 लाख 87 हजार रुपए
77407 करोड़ का है वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट
राज्य सरकार का कुल बजट 77407 करोड़ रुपए का है। इस बार के बजट में पिछले साल की अपेक्षा 18.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। राज्य के स्वयं के संसाधनों से 24744 की प्राप्ति हुई। इसमें पिछले साल की अपेक्षा 18. 44% की बढ़ोतरी हुई है।
- उद्यान विभाग में 815 करोड़ का प्रावधान ।
- पोली हाउस के लिए 200 करोड़ का प्रावधान
- मिशन एप्पल योजना के अंतर्गत $35
- लोक सेवा आयोग के लिए 133 करोड़ का प्रावधान,
- वर्क फोर्स डेवलपमेंट के लिए 100 का प्रावधान किया गया
- मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के लिए 40 करोड़
- पर्यटन के लिए 302 करोड़। प्रावधान किया गया
- उधोगो को अनुदान के लिए 26 करोड़ का प्रावधान
- उत्तराखंड राज्य पर्यटन विकास परिषद के लिए 63 करोड़ का प्रावधान
- चार धाम यात्रा में मूलभूत सुभिधा हेतु 10 करोड़ का प्रावधान
- शिक्षा एवम युवा कल्याण के लिए 10459 करोड़ का प्रावधान
- उत्कृष्ट क्लस्टर विद्यालय हेतु 51 करोड़ का प्रावधान
- कृषि के लिए 10294 करोड़ का प्रावधान
- स्वास्थ्य के लिए 4217 का प्रावधान
- अटल आयुष्मान के लिए 40 करोड़
- मेडिकल कॉलेज और नर्सिंग कॉलेज के निर्माण के लिए 400 करोड़
- समाज कल्याण के लिए 2850 करोड़ का प्रावधान किया गया
- PWD के लिए 2791 करोड़ का प्रावधान किया गया
- सिंचाई के लिए 1443 करोड़ का प्रावधान
- जोशीमठ एवम स्थानों पर भू धंसाव से राहत के लिए 1000 करोड़ का प्रावधान किया गया
BUDGET FOR WHAT ?
ReplyDeleteSAB MADARCHOD RAAND HAIN !
NO DICK AND NO BRAIN !
WHAT IS THE BUSINESS MODEL OF THE NETA ?
EASY MONEY !
FROM WHERE ?
RECRUITMENTS
LIKE IN THE ASSEMBLY
AND THEN YOU HAVE THE SAME BUSINESS IN SIDCUL AND UJVNL !
EVERY UKD SOE HAS THIS MODEL ! HOW MANY CRORES HAVE THESE MADARCHODS MADE ?
THEN U HAVE THE PANDOO GANDOO MADARCHOD RECRUITMENT OF THE UTTARAKHAND POLICE ?
IT IS NOT FOR MONEY
NETA AND BABOO WANTS CHORS IN ALL MINISTRIES AND PSUS - SO THAT THEY CAN KEEP STEALING MONEY AND THE PANDOO POLICE ARE ALSO ALL CHORS MADARCHODS AND SO WHAT WILL BE THE INVESTIGATION ?
AND THEN WE COME TO THE JUDICIARY ! INKA BARE MEIN KYA KAHEIN !
THE ASSEMBLY IS FULL OF CHORS AND SO THE SIT/ACB/DEPTT OF VIGILANCE,ARE ALL EXEMPTED FROM RTI ACT BY THE ASSEMBLY
WHICH IS Y PAHADI MADARCHODS SHOULD BE EXTERMINATED BY MAOISTS/CPIML/NAXALS/DAESH/JAESH AND AQ.dindooohindoo
WHO IS THE HEAD OF SIDCUL/UJVNL AND OTHER PSUs ?
ReplyDeleteA LT GENERAL GOVERNOR !
FAUJI BABA
ONLY DRINKS SCOTCH AND OLDMONK RUM !
CANNOT READ A BALANCE SHEET !
SAB GENERAL SAAB KE NAAM PE !
SALUTE FAUJI BABA AND GENERAL SAAB KHUSH !
WHICH IS Y THE PLA SHOULD INVADE NORTH EAST AND UTTARAKHAND AND PAKISTAN SHOULD TAKE OVER KASHMIR !
HINDOOS ARE A RACE OF CHORS AND MADARCHODS ! IT IS THESE BANIAS AND RAJPUTS/JATS /DOGRA MADARCHDODS WHO BETRAYED HINDOOSTHAN AND NOW, THEY RUN THE NATION !