कांग्रेस में मचे घमासान को शांत कराने और पार्टी में हो रही गुटबाजी को खत्म करने पार्टी हाईकमान ने पर्यवेक्षक बनाकर पीएम पुनिया को उत्तराखंड तो भेज दिया। लेकिन उनके आने के बाद उत्तराखंड कांग्रेस में मचा घमासान पूरी तरह शांत होता नजर नहीं आ रहा।

जहां एक ओर प्रीतम सिंह अपने बयानों से ही मुकर गए तो वहीं दूसरी ओर फिर से विरोध के सुर देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या 2024 के चुनावों की तैयारी में सफल हो पाएगा या फिर आपसी कलह में उलझ कर रह जाएगी।

प्रीतम सिंह को पार्टी से कोई दिक्कत नहीं

पर्यवेक्षक पुनिया ने कल कांग्रेस के सभी नेताओं से एक-एक कर बात की। जिसके बाद चकराता के विधायक प्रीतम सिंह के बदले सुर देखने को मिले। कल जब उनसे पार्टी को लेकर सवाल किया गया तो जवाब देते हुए प्रीतम सिंह ने कहा कि उन्होंने कभी भी पार्टी के संगठन को लेकर कोई सवाल नहीं उठाया है। जबकि पहले उन्होंने खुद ही प्रदेश प्रभारी पर सवाल उठाए थे।

बंद कमरे में पिलाई घुट्टी काम नहीं आयी फिर उठे विरोध के सुर

पर्यवेक्षक पुनिया ने बंद कमरे में नेताओं से देर रात तक बातचीत की। यहां पार्टी के नेताओं को अनुशासन की घुट्टी पिलाई गई। इस बातचीत से जहां एक ओर कुछ नेता शांत नजर आए तो वहीं बाहर आते ही विरोध के सुर भी उठने लगे। द्वाराहाट से विधायक मदन बिष्ट ने बाहर आते ही प्रदेश प्रभारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

अपनी ही कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल

विधायक मदन बिष्ट ने प्रदेश प्रभारी को हटाए जाने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने अपनी पार्टी पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी चुनाव में माइक्रो मैनेजमेंट के साथ काम करती है। लेकिन हमारी संगठन स्तर पर तैयारियां कहीं नहीं दिखाई देती हैं।

पार्टी में घमासान अब भी जारी, 2024 की कैसे होगी तैयारी

इस बयान के बाद साबित होता है कि कांग्रेस में अपनी पार्टी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि अगर कांग्रेस में आपसी कलह ही नहीं सुलझी तो 2024 की तैयारियां पार्टी कैसे करेगी। इसके साथ ही सवाल ये भी उठ रहा है कि पर्यवेक्षक भेजने के बाद भी अगर कांग्रेस में अनुशासन नहीं आ पा रहा है तो 2024 क चुनावों में जीत कैसे हासिल कर पाएगी।

क्या 2024 के रण के लिए कांग्रेस तैयार

कांग्रेस पार्टी में उठ रहे विरोध के सुरों के बाद सवाल उठने लाजमी है। लेकिन इस बीच सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि ऐसे हालातों में कांग्रेस 2024 फतह का सपना कैसे पूरा कर पाएगी। क्योंकि ऐसे में 2024 के रण को लेकर कांग्रेस तैयार तो नजर नहीं आ रही है। अब ये देखना होगा कि कैसे कांग्रेस तैयारी करती है और कैसे आगे की रणनीति बनाती है।

ये भी देखना रोचक होगा कि पर्यवेक्षक के हाईकमान को रिपोर्ट देने के बाद उत्तराखंड कांग्रेस में क्या कोई बदलाव होंगे। क्या कोई बड़ा उलटफेर देखने को मिलेगा। जिससे पार्टी 2024 के लिए मजबूत हो पाएगी।





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