उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लिये कांग्रेस नेता व सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव थापर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार को अंतिम चेतावनी दी है।
स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए कोर्ट ने सरकार को दी अंतिम चेतावनी
प्रदेश 2021 में पूरे भारत मे कोरोना महामारी व उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की शिथिलता और पहाड़ में अन्य बीमारियों हेतु भी स्वास्थ्य सुविधाओं के आभाव के चलते प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कांग्रेस नेता व सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव थापर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
जिस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को 4 जनवरी 2023 को अंतिम मौका दिया था। कोर्ट ने चेतावनी देने के साथ फिर से नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में याचिका पर अपना पक्ष रखने का अंतिम अवसर दिया।
मामले में हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
याचिका के प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने के विषय पर सरकार की तरफ से अनदेखी का माननीय हाईकोर्ट ने संज्ञान ले लिया है। हाईकोर्ट ने सरकार को पहाड़ में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने हेतु शिथलीकरण की मांग पर दिशा-निर्देश दिए।
कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता के मांगो पर गुण-दोष अनुसार कोर्ट के आदेशों से पहले ही स्वयं शासनादेश जारी कर पहाड़ और मैदान के नर्सिंग होम्स व हस्पतालों के नियमों पर दोहरे मापदंड को खत्म किया जाए।
लेकिन आज लगभग 2 दो साल बाद भी सरकार के आवास विभाग ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने जनहित याचिका में उल्लेखित पहाड़ में स्वास्थ्य सुविधाओं हेतु समस्त मांगों पर सरकार को दिशा-निर्देश दिये ।
14 जून को होगी मामले में अगली सुनवाई
इस मामले में सरकार को दिशा-निर्देश देने के साथ ही कोर्ट ने इस मामले की सुनवाी की अगली तारीख भी तय कर दी है। इस मामले में फ़ाइनल सुनवाई की तारीख कोर्ट ने 14 जून 2023 भी तय कर दी है। कोर्ट के इस मामले में संज्ञान लेने पर अभिनव थापर ने हाईकोर्ट का आभार व्यक्त किया है।
अभिनव थापर ने कहा कि सरकार लगभग 2 वर्षों से जवाब देने से भाग रही थी लेकिन हमारे संघर्ष के बाद अंततः सरकार को अब पहाड़ में स्वास्थ्य सुविधाओं बढ़ाने के लिये नियमों शिथलीकरण करना पड़ेगा। जिससे उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों को लाभ मिलेगा।
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