राजस्थान में इस साल के आखिर में चुनाव होने हैं लेकिन चुनावों से पहले ही सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के बीच आपसी कलह तेज हो गई है । आज सचिन पायलट अपनी ही पार्टी के खिलाफ पिछली बीजेपी की वसुंधरा सरकार के घोटालों और भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर अनशन पर बैठ गए हैं । उनके साथ उनके कई समर्थक भी इस अनशन में शामिल है । हालांकि कांग्रेस पार्टी ने पायलट को अनश्न पर नहीं बैठने के लिए काफी समझाया था लेकिन सचिन पायलट नहीं माने और आज अपने कई समर्थकों के साथ जयपुर के शहीद समारक पर अपनी ही सरकार के खिलाफ बैठ गए हैं ।

सचिन कर रहे पार्टी विरोधी गतिविधि- सुखजिंदर सिंह रंधावा


राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि सचिन पायलट का अनशन पार्टी हितों के खिलाफ और पार्टी विरोधी गतिविधि है। अगर सरकार के साथ उनके कुछ इश्यू हैं, तो उन्हें पार्टी फोरम पर डिस्कस किया जा सकता है, लेकिन उसे मीडिया और जनता के बीच ले जाना ठीक नहीं है। उन्होने यह भी कहा कि मैं पिछले पांच महीने से राजस्थान में AICC का प्रभारी इंचार्ज हूं, लेकिन सचिन पायलट जो मुद्दा उठाया है, उसे मेरे साथ कभी डिसकस नहीं किया। उन्होनें सचिन पायलट से शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत करने की अपील की ।

सचिन पायलट के उठाए मुद्दों पर नहीं हुई जांच

दरसअल सचिन पायलट ने दो बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेटर लिखकर पिछली बीजेपी की वसुंधरा सरकार के घोटालों और भ्रष्टाचार की जांच की मांग की बात कही । इन मुद्दों को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा भी जानते हैं लेकिन उसके बाद भी कोई एक्शन पार्टी ने नहीं लिया जिस कारण पायलट खफा है और अपनी पार्टी के खिलाफ अनशन पर बैठ गए हैं ।

ऐसे में राजस्थान में विधानसभा चुनाव में कुछ ही महिने का समय बचा है लेकिन चुनावों से पहले ही अपनी ही पार्टी के खिलाफ सचिन पायलट का विरोध और अनशन किस ओर इशारा करता है और इसका आने वाले चुनावों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा इसको लेकर भी कई तरह के सावल राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर उठ रहे हैं ।





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