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फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ जहां एक तरफ जमकर कमाई कर रही है तो वहीं फिल्म को लेकर विवाद भी जारी है। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने फिल्म को ये कहकर बैन किया कि वो फिल्म झूठ पर आधारित है और नफरत फैलाती है। वहीं अब फिल्म पर पाबंदी के खिलाफ निर्माताओं ने राज्य सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट 12 मई को सुनवाई करेगा।

सीएम ममता पर केंद्रीय मंत्री ने कसा तंज

वहीं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक ने कहा कि ये फिल्म सत्य पर आधारित है और इस फिल्म को हर किसी को जरूर देखना चाहिए । उन्होनें कहा कि पश्चिम बंगाल में ‘द केरल स्टोरी’ को बंगाल में भी हर सिनेमाघर में दिखाना चाहिए। वहीं उन्होनें सीएम ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा। उन्होनें कहा कि दीदी को हर बात में राजनीति दिखाई देती है। ‘द कश्मीर फाइल्स’ भी सत्य पर आधारित थी और ‘द केरल स्टोरी’ भी सत्य घटना पर आधारित है।

12 मई को होगी सुनवाई

फिल्म निर्माताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने तत्काल लिस्टिंग के लिए याचिका का उल्लेख किया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ 12 मई को इस पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गई। हरीश साल्वे ने कहा, ‘हम हर दिन पैसे गंवा रहे हैं और अब एक और राज्य है जो फिल्म को बैन कर रहा है।’ 

राज्य सरकार के पास बैन का अधिकार नहीं- निर्माता

बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘घृणा और हिंसा की किसी भी घटना से बचने और राज्य में शांति बनाए रखने के लिए’ राज्य में फिल्म के प्रदर्शन पर तत्काल बैन लगाने का आदेश दिया है। हालांकि निर्माताओं ने तर्क दिया कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा सार्वजनिक रूप से देखने के लिए प्रमाणित फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की राज्य सरकार के पास कोई अधिकार नहीं है।





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