
देश में 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन होने जा रहा है। ये दिन देश के लिए ऐतिहासिक दिन है। इस दिन को खास बनाने के लिए तैयारियां की जा रही है। वहीं इस दिन संसद भवन में स्पीकर की सीट के ठीक बगल में सेंगोल रखा जाएगा। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि संसद भवन से पवित्र देश में कोई जगह नहीं हो सकती है और सेंगोल किसी म्यूजियम में न रहकर संसद भवन में रखना ही सबसे बेहतर है। बता दें कि सेंगोल हमारे भारतीय सभ्यता का एक महत्तवपूर्ण हिस्सा है।
क्या है सेंगोल का इतिहास
अंग्रेजों ने सत्ता भारत को सौंपते हुए सेंगोल का उपयोग किया था। सेंगोल एक तमिल शब्द है, जिसका अर्थ है धन से भरा हुआ। सेंगोल के पीछे युगों पुरानी एक परंपरा जुड़ी हुई है। संगोल हमारे इतिहास की पहचान है। पीएम मोदी को जब इसके बारे में पता चला तो इसकी जांच की गई। इसके बाद तय किया गया कि नए संसद के उद्धाटन के दौरान सेंगोल देश के सामने रखा जाएगा। बता दे कि 14 अगस्त 1947 को अंग्रेजों ने सत्ता का हस्तांतरण कियाा था। जवाहर लाल नेहरू को सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में सौंपा गया था। सेंगोल ने ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। पीएम मोदी को इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने निर्णय लिया कि संसद के लोकार्पण के दिन इसे भी स्थापित किया जाएगा। पंडित नेहरू ने तमिलनाडु से आए सेंगोल को स्वीकार किया था।
भारत के लिए ऐतिहासिक है सेंगोल
सेंगोल से हमारी सभ्यता भी जुड़ी हुई है। सेंगोल, अंग्रेजों से भारत को सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक माना जाता है। ये चोल साम्राज्य से संबंध रखता है। और इस पर नंदी भी बने हुए हैं। ये भारत के इतिहास के लिए बेहद महत्वपूर्ण रखता है। इसलिए अब इसे 28 मई को नए संसद भवन में रखा जाएगा। इससे पहले सिंगोल प्रयागराज के म्यूजियम में रखा था।
सेंगोल की खासियत
बता दें कि सेंगोल जिसे मिलता है उससे निष्पक्ष और न्यायपूर्ण शासन की उम्मीद की जाती है। यह चोला साम्राज्य से जुड़ा हुआ है। तमिलनाडु के पुजारियों ने इसमें धार्मिक अनुष्ठान किया था। सेंगोल को संस्कृत के संकु से लिया गया है जिसका अर्थ शंख है। शंख हिन्दू धर्म में काफी पवित्र मानी जाती है और इसे अक्सर संप्रभुता के प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। वही सेंगोल भी भारतीय सम्राट की शक्ति और अधिकार का प्रतीक था। यह सोने और चांदी से बना था और इसे अक्सर कीमती पत्थरों से सजाया जाता था।
सेंगोल का कई साम्राज्य ने किया प्रयोग
सेंगोल का भारत में पुराना इतिहास है। सेंगोल राजदंड का पहला प्रयोग मौर्य साम्राज्य ने किया था। मौर्य सम्राट ने अपने विशाल साम्राज्य पर अपने अधिकारों को दर्शाने के लिए सेंगोल राजदंड का इस्तेमाल किया। वहीं बाद में गुप्त साम्राज्य, चौल साम्राज्य और विजयनगर साम्राज्य ने भी सेंगोल का इस्तेमाल किया है। मुगल साम्राज्य और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भी सेंगोल का प्रयोग किया। हालांकि 1947 के बाद इसका प्रयोग नहीं किया गया।
CHAIWALA HAS ADOPTED THE SENGOL OF THE TAMILS AS HIS SPECTRE !
ReplyDeleteTHE FOOL DOES NOT KNOW THAT THIS SPECTRE IS NOT 2000 YEARS OLD ! IT WAS MADE IN 1947 FOR MOUNBATTEN !
IT REPRESENTS TAMIL SAIVISM WHICH IS THE ANTI-THESIS OF NORTH INDIAN SAIVISM, AND THE TAMIL SAIVISTS ARE "NOT" BRAHMINS, AND TAMIL SAIVISM DISOWNS SANSKRIT SCRIPTURES !
THE 1ST CHOLAS - THE SENGAALS WHICH USED THIS SPECTRE WERE DOOMED !
THE SPECTRE REPRESENTS ANTI -HINDI, ANTI- NORTH INDIAN HINDOOUISM AND ANTI-CASTEISM,AND ANTI-BRAHMINISM !
NEHRU DUMPED THE SPECTRE IN THE JUNK YARD !
CHAIWALA HAS PLACED IT IN THE LOK SABHA ! DOOM WILL STRIKE CHAIWALA AND HINDOOSTHAN SOON !
RAJA RAJA CHOLA FOLLOWED NORTH INDIAN SAIVISM AND NOT THE SENGOL SAIVISM ! ALSO THE CHOLAS EXISTED AT A TIME OF VOID IN EAST ASIAN AND INDIAN HISTORY AND TOO MUCH SHOULD NOT BE MADE OF THEIR SUCCESS
THE PARLIAMENT IS SHAPED LIKE A COFFIN AND AN INDIAN TOILET ! TAMILS ARE EXPERT TOILET CLEANERS ! dindooohindoo
THIS WILL DOOM THE CHAIWALA ! THESE FOOLS THINK THAT THESE ANTICS WILL HELP THEM WIN THE SOUTH
UTTARAKHAND POLICE KI MAA KI CHOOT
THE TABAHI HAS STARTED
ReplyDeleteTHERE WAS A QUAKE SHOCK IN DELHI TODAY
SIX OF THE GANDOO SAPTARISHI STATUES INNAGRATED BY CHAIWALA IN OCT 2022 HAVE BEEN DESTROYED
https://www.ndtv.com/india-news/2-killed-statues-damaged-in-mahakal-lok-corridor-after-thunderstorm-4074473#pfrom=home-ndtv_indiatrending
PARTS OF MADARCHOD RAJASTHAN FLOODED JUST A WEEK AGO IN FREAK WEATHER INCIDENT
https://www.ndtv.com/india-news/parts-of-rajasthan-flooded-after-freak-weather-event-heavy-rain-13-dead-4071432
LET US HOPE THAT RAJSTHANI MADARCHODS ARE RAPED AND KILLED !
I ALWAYS PRAY THAT THE 1ST PREEMPTIVE NUKE STRIKE OF PAKISTAN IS TO BE ON MADARCHOD RAJASTHAN
AND THE 1ST PREEMPTIVE STRIKE FROM PLA IN TIBET SHOULD BE ON MADARCHOD PAHADISTAN !
LET US ALL PRAY ! dindooohindoo