
जिलाधिकारी के निर्देश के बाद यात्रा मार्ग में संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों के साथ किसी भी प्रकार से क्रूरता न हो इसकी निगरानी के लिए 30 सदस्यीय म्यूल टास्क फाॅर्स (एमटीएफ) को तैनात किया गया है।
घोड़े-खच्चरों को मुहैया कराई जाएगी चिकित्सा सुविधा
इसके अलावा घोड़े-खच्चरों की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने पर उपचार की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से श्री केदारनाथ घोड़ा-पड़ाव, लिनचोली, गौरीकुंड व सोनप्रयाग में स्थापित अस्थायी पशु चिकित्सालयों में तैनात पशु चिकित्सकों के द्वारा 24 घंटे चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा रही है।
नौ पशु मालिकों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ आशीष रावत ने बताया की 16 मई तक कुल 801 पशुओं को उपचार दिया जा चुका है। इसके अलावा 4577 पशुओं के स्वास्थ्य की जांच की गई है। जिनमें से 194 पशुओं को यात्रा के लिए अयोग्य मानते हुए यात्रा से हटाया गया है। बता दें 17 मई 2023 तक कुल नौ पशुओं के पशु मालिकों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ आशीष रावत ने बताया की यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों को गर्म पानी पिलाए जाने और गीजरयुक्त पानी की चरियां लगावाई गई हैं। जिनका संचालन एमटीएफ (म्यूल टास्क फोर्स) द्वारा किया जा रहा है।
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